पीलीभीत पहुंचे वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, अफसरों को दिए ग्रामीणों को जागरूक करने के निर्देश

पीलीभीत पहुंचे वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, अफसरों को दिए ग्रामीणों को जागरूक करने के निर्देश

पीलीभीत, अमृत विचार। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश के वनमंत्री एवं अपर मुख्य सचिव वन मंगलवार पीलीभीत पहुंचे। पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पहुंचे वन मंत्री ने मुख्य वन संरक्षक समेत अफसरों संग मंत्रणा की। इसके बाद उन्होंने अफसरों संग बैठक कर मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए ग्राउंड लेवल पर कार्य करते हुए जंगल सीमा से सटे अतिसंवेदनशीन गांवों के ग्रामीणों को जागरूक करने के निर्देश दिए। इस दौरान बैठक में मौजूद अन्य विभाग के अफसरों, बाघ मित्रों से मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए सुझाव भी मांगे।
                  
बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी सख्त नजर आ रहे हैं। एक दिन पूर्व में उन्होंने वन्यजीवों के हमले से उपजी स्थितियों की समीक्षा की थी। समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने मानव-वन्यजीव संघर्ष की दृष्टि से पीलीभीत समेत प्रदेश के अन्य संवेदेनशील जिलों को अलर्ट रहने के निर्देश के साथ वन मंत्री को पीलीभीत एवं लखीमपुर का दौरा करने के निर्देश दिए थे। 

इसी क्रम में वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना एवं अपर मुख्य सचिव वन मनोज सिंह मंगलवार अपरान्ह पीलीभीत पहुंचे। पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पहुंचे वन मंत्री ने मुख्य वन संरक्षक बरेली जोन विजय सिंह समेत डीएम संजय कुमार सिंह और एसपी अविनाश पांडेय से जनपद में मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति पर मंत्रणा की। 

इसके बाद गांधी सभागार में वन मंत्री की अध्यक्षता में मानव-वन्यजीव संघर्ष कारण एवं निवारण विषय पर हुई बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में डॉ.अरूण कुमार सक्सेना ने कहा कि मुख्यमंत्री मानव- वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को लेकर चिंतित है। उन्होंने सोमवार को प्रदेश के 11 जिलों में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को लेकर बैठक लेकर प्रभावी कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये हैं। 

कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए सभी अधिकारी पीलीभीत टाइगर रिजर्व की जंगल सीमा के किनारे स्थित 72 अतिसंवेदनशील गांवों के ग्रामीणों को जागरूक करें। जंगल सीमा से सटे खेतों में गन्ने की फसल की जगह हल्दी, औषधि फसल समेत अन्य फसलों की पैदावार कर जाए, जिससे यहां के किसानों की आय में वृद्वि के साथ मानव-वन्यजीव संघर्ष में कमी लाई जा सके। 

उन्होंने कहा कि जंगल से सटे खेतों में किसान अकेले कार्य न समूहों में कार्य करें और अपने साथ डंडे आदि रखें। उन्होंने जिला गन्ना अधिकारी को निर्देश दिए कि गन्ना पेराई सत्र के दौरान जंगल से सटे किसानों को अधिक से अधिक गन्ना पर्चियां उपलब्ध कराए, ताकि जो भी वन्यजीव गन्नों आदि में छिपे हैं, वह जंगल की ओर रूख कर सके। कहा कि यहां मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को न्यूनतम करने के लिए ग्राउंड लेवल पर कार्य किया जाए। 

अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने पीलीभीत टाईगर रिजर्व में स्टाफ की कमी की चर्चा करते हुए बताया कि विभाग को 750 वन रक्षक मिले है। उनका प्रयास होगा कि पीलीभीत को अधिकाधिक वन रक्षक प्रदान किये जाएं। उन्होंने पीलीभीत टाईगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर से बजट की मांग किये जाने के निर्देश दिए। इससे पूर्व पीलीभीत टाईगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से पीटीआर की जानकारी देते हुए बताया कि पीलीभीत में 71 बाघ है। 

72 गांव जो जंगल से सटे है, अतिसंवेदनशील है। प्राईमरी रिस्पांस टीम, आरआरटी और क्यूआरटी तैयार है। चेनलिंक फेसिंग का 25 किलोमीटर क्षेत्र में कार्य पूरा हो चुका है। जंगल से सटे गांवों में 750 स्ट्रीट लाइटें लगाने का कार्य किया जा रहा है, अब तक 350 स्ट्रीट लाईटें लगाई जा चुकी है। उन्होंने भविष्य की चुनौतियां और समाधान पर भी प्रकाश डाला। अपर मुख्य सचिव ने जनपदस्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह अपने-अपने क्षेत्र में बैठक करके मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने में सहयोग करें।

यह भी पढ़ें- मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को लेकर लखीमपुर खीरी पहुंचे वन मंत्री, अफसरों संग की बैठक, कहा- संवेदनशील क्षेत्रों में बढ़ेगी गश्त

 

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