Kanpur: 8 माह बाद बलिदानी का अस्थि कलश पहुंचा तो रो पड़ा पूरा गांव; ग्रामीणों ने पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

Kanpur: 8 माह बाद बलिदानी का अस्थि कलश पहुंचा तो रो पड़ा पूरा गांव;  ग्रामीणों ने पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

चौबेपुर (कानपुर), अमृत विचार। जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में तैनात रहे लांसनायक करन सिंह की शहादत के लगभग आठ माह बाद उनकी अस्थियां मंगलवार को गांव लाई गईं। सैन्य अधिकारियों के अस्थि कलश के साथ गांव पहुंचते ही बलिदानी के परिजन फफक कर रो पड़े। लगभग घंटे भर रुके सैन्य अधिकारी एसडीएम की मौजूदगी में अस्थि कलश परिजनों के सुपुर्द कर वापस लौट गए। इस दौरान पूरा गांव शोक में डूब गया। 

क्षेत्र के भाऊपुर गांव निवासी बालकराम का बेटा करन सिंह यादव (29) जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में आरआर बटालियन 48 में तैनात थे। 21 दिसंबर 2023 को राजौरी क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन के दौरान टोपापीर इलाके के निकट घने जंगल में घात लगाए बैठे आतंकवादियों ने सेना के वाहनों पर हमला कर दिया था। इस हमले में पांच जवान शहीद हुए थे। इनमें सैन्य वाहन चला रहे करन सिंह यादव भी शामिल थे। 

हमले में शहीद करन सिंह के शरीर के कुछ अंग नहीं मिल सके थे। घटना के करीब पांच बाद मिले अंगों की डीएनए जांच के लिए 5 जून को राजौरी सेक्टर के दो सैन्य अधिकारी भाऊपुर गांव आए थे और यहां से शहीद के पिता बालकराम, मां सावित्री और भाई अरुण के रक्त नमूने लेकर गए थे। 

इसके बाद मंगलवार को सैन्य अधिकारी शहीद जवान का अस्थि कलश लेकर गांव पहुंचे। सैन्य अधिकारियों के हाथ में बेटे की अस्थियों वाला कलश देख पिता बालकराम, मां सावित्री जहां फफक कर रो पड़े, वहीं शहीद की बहनें साधना, आराधना, सोनम और पत्नी अंजू बिलख पड़ीं। घर के बाहर बरामदे में कुछ देर के लिए रखे गए अस्थि कलश पर परिजनों के साथ ग्रामीणों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान एसडीएम रश्मि लाम्बा भी मौजूद रहीं। 

एसडीएम की मौजूदगी में सैन्य अधिकारी अस्थि कलश को शहीद स्मारक के लिए चिह्नित स्थान पर लेकर गए, जहां थोड़ी सी अस्थियां भू विसर्जित करने के बाद कलश को परिजनों के सुपुर्द कर दिया। इस दौरान हाथों में तिरंगा लिए ग्रामीण करन सिंह अमर रहे के नारे लगाते रहे। इस मौके पर उदेतपुर ग्राम प्रधान विद्यासागर यादव, प्रधान प्रदीप यादव आदि के साथ बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

हर किसी की आंखें हुईं नम

भाऊपुर निवासी शहीद करन सिंह यादव का अस्थि कलश देख परिजनों के साथ पूरा गांव एक बार फिर गमगीन हो गया। सैन्य अधिकारियों के हाथ में माटी के लाल की अस्थियां देख हर किसी की आंखें नम हो गईं। 

गांव के आलोक यादव, जितेंद्र, नीरज, अविनाश, सुदामा, श्रीराम राठौर, राजवीर यादव आदि ने बताया कि करन जब भी छुट्टियों में गांव आता था, सभी से मुलाकात जरूर करता था। मिलनसार व बेहद सरल स्वभाव का करन घटना से कुछ दिन पहले ही गांव आया था। इस दौरान लोगों से होली पर गांव आने का वादा किया था, लेकिन ईश्वर को शायद कुछ और ही मंजूर था। इतना कहकर गांव वालों की आंखें भर आईं।

मकरंदापुर में बनेगा शहीद स्मारक

भाऊपुर में ग्राम पंचायत की जमीन नहीं होने से शहीद करन सिंह यादव का स्मारक स्थल दूसरी ग्राम पंचायत मरखरा के मकरंदापुर गांव की भूमि पर बनेगा। मंगलवार को शहीद का अस्थि कलश गांव पहुंचने पर एसडीएम रश्मि लांबा ने परिजनों व क्षेत्रीय ग्रामीणों की मांग को देखते हुए चिह्नित भूमि पर शहीद स्मारक व पार्क बनवाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि उच्चाधिकारियों को अवगत कराकर जल्द ही स्मारक का काम पूरा कराने का प्रयास करेंगी।

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