प्रयागराज : महाकुंभ में शुद्ध गंगाजल उपलब्ध कराने के संदर्भ में विस्तृत कार्य योजना तलब
अमृत विचार, प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज में 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ की व्यवस्था पर राज्य सरकार से जानकारी मांगते हुए पूछा कि महाकुंभ में बड़ी मात्रा में श्रद्धालु आएंगे ऐसे में सरकार शुद्ध गंगाजल कैसे उपलब्ध कराएगी। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि प्रदेश के शासन व प्रशासन ने देश और विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं, संतो को स्वच्छ तथा पर्याप्त गंगाजल उपलब्ध कराने पर अब तक व्यवस्थित रूप से विचार नहीं किया है।
कोर्ट ने इस संदर्भ में विस्तृत कार्य योजना की जानकारी मांगी है। उक्त प्रश्न मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने अधिवक्ता सुनीता शर्मा, वरिष्ठ समाजसेवी योगेंद्र कुमार पांडेय और पूर्व पार्षद कमलेश सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए किया। याचिका में बताया गया है कि लाखों श्रद्धालु, गंगा भक्त और संत महाकुंभ के दौरान प्रयागराज जाते हैं। कुंभ मेले की तैयारी जोरों पर है। इसके लिए सरकार की ओर से बड़ा बजट भी स्वीकृत हुआ है, लेकिन प्रशासन ने कुंभ मेले के मुख्य केंद्र गंगाजल पर कोई विचार मंथन नहीं किया।
याची के अधिवक्ता ने यह तर्क दिया कि महाकुंभ में स्नान व पूजन के लिए पर्याप्त और स्वच्छ गंगा जल तभी मिल सकेगा, जब तक कानपुर की टेनरी का पानी रोकने, गंगा में लगातार प्रतिदिन 4 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने, गंगा एवं यमुना में गिरने वाले गंदे नाले बंद करने और गंगा किनारे उच्चतम बाढ़ बिंदु से 500 मीटर निर्माण पर रोक, एसटीपी के सुचारू संचालन के आदेश का पालन नहीं किया जाता। याचिका में सरकार के प्रमुख सचिव, प्रयागराज के कमिश्नर और जिला मजिस्ट्रेट, मेला प्राधिकरण प्रयागराज विकास प्राधिकरण और नगर निगम को पक्षकार बनाया गया है जिससे महाकुंभ में स्वच्छ गंगाजल उपलब्ध कराने में इन विभागो की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सके। जनहित याचिका पर अगली सुनवाई आगामी 10 सितंबर को सुनिश्चित की गई है।
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