बदायूं: डॉ. चारु और उनके परिवार के अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र खारिज

बिल्सी निवासी अनुज वार्ष्णेय ने डकैती कोर्ट में दायर किया था परिवाद

बदायूं: डॉ. चारु और उनके परिवार के अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र खारिज

बदायूं, अमृत विचार। बिल्सी के सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में गायनी सर्जन डॉ. चारु वार्ष्णेय उनके पति प्रसून वार्ष्णेय, ससुर नरेंद्र वार्ष्णेय और उनके रिश्तेदार दिलीप वार्ष्णेय उर्फ मोन वार्ष्णेय की अग्रिम जमानत के प्रार्थना पत्र को डकैती कोर्ट की विशेष न्यायाधीश रेखा शर्मा ने खारिज कर दिया है।

कस्बा बिल्सी निवासी अनुज वार्ष्णेय ने एक परिवाद दायर कर डॉ. नरेंद्र वार्ष्णेय, डॉ. चारु वार्ष्णेय, उनके पति प्रसून वार्ष्णेय और रिश्तेदार दिलीप वार्ष्णेय उर्फ मोन वार्ष्णेय को न्यायालय में तलब कराया था। जिसमें लूट, हत्या का प्रयास आदि धाराओं में डकैती न्यायालय ने तलब किया। वादी का कहना था अभियुक्त चारु वार्ष्णेय ने बाबा मिशन हॉस्पिटल में संविदा पर कार्य करने को लेकर एक लाख रुपए एडवांस ले लिया था। जब किसी अन्य अस्पताल में डॉ. चारु का अनुबंध हो गया तो उनके अस्पताल में काम करने से मना कर दिया और अनुबंध राशि नहीं लौटाई। वादी का भाई मेहुल 6 जुलाई 2023 को जब इस लेनदेन के संबंध में डॉ. चारु से मिलने गया तो उस दिन 8 बजे शाम को वादी को सूचना मिली कि नरेंद्र आदि लोगों ने मेहुल से दुर्व्यवहार किया है। तब अनुज वार्ष्णेय नरेंद्र के घर पहुंचे। जहां डॉ. चारु, डॉ. नरेंद्र, प्रसून आदि लोग मिले। जिसमें वादी को देखते ही इन सभी लोगों ने गाली देना शुरू कर दिया और मारपीट की। प्रसून ने हाथ में चाकू नुमा नस्तर को अनुज वार्ष्णेय के सीने में घोप दिया। डॉ. चारु ने लोहे की पाईप से सर पर वार किया और कहा कि जिंदा नहीं छोड़ना है। कुछ समान भी लूट लिया। जिस संबंध मे सभी अभियुक्तगण ने अग्रिम जमानत लगाई थी। तब न्यायाधीश ने सभी के प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई कर अभियुक्तगण के अधिवक्ता और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता एडीजीसी राजेश बाबू शर्मा की बहस सुनने के बाद अभियुक्तगणों की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया।