मंदिर में मूर्ति क्षतिग्रस्त पाए जाने के बाद 12 घर जलाए, वाहनों को किया आग के हवाले...निषेधाज्ञा लागू 

मंदिर में मूर्ति क्षतिग्रस्त पाए जाने के बाद 12 घर जलाए, वाहनों को किया आग के हवाले...निषेधाज्ञा लागू 

अगरतला। पश्चिमी त्रिपुरा के रानीरबाजार क्षेत्र में एक मंदिर में मूर्ति क्षतिग्रस्त पाए जाने के बाद अज्ञात लोगों ने कम से कम 12 घरों और कुछ वाहनों को आग लगा दी। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। रानीरबाजार के अंतर्गत जिरानिया उपखंड में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। तनाव कम करने के लिए इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। 

सहायक महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) अनंत दास ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘कैतुरबाड़ी में देवी काली की मूर्ति खंडित पाए जाने के बाद रविवार देर रात उपद्रवियों ने रानीरबाजार में करीब 12 घरों में आग लगा दी। आग में कुछ मोटरसाइकिलें और पिकअप वाहन भी जलकर खाक हो गए।’’ इस घटना में किसी व्यक्ति के हताहत की सूचना नहीं है। 

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उग्र भीड़ को देखकर लोग अपने घरों से भाग गए। दास ने कहा कि तनाव कम करने के लिए भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और पुलिस महानिदेशक (खुफिया) अनुराग धनखड़ और पश्चिमी त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक किरण कुमार ने क्षेत्र का दौरा किया है। उन्होंने कहा, ‘‘संपत्ति के नुकसान का आकलन पूरा होने के बाद पुलिस स्वतः संज्ञान लेकर मामला दर्ज करेगी। स्थिति नियंत्रण में है।’’ 

जिला मजिस्ट्रेट विशाल कुमार ने एक आदेश में कहा कि शांति भंग की आशंका के मद्देनजर पश्चिम त्रिपुरा जिले के जिरानिया उपखंड में 26 से 28 अगस्त तक बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। निषेधाज्ञा के तहत उपखंड में पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध रहेगा। टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्युत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने सोमवार को घटना पर चिंता व्यक्त की और सभी से कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’ पर लिखा, ‘‘रानीबाजार कैतुरबारी इलाके में कल रात हुई घटना तथा सांप्रदायिक झड़पों की खबरें चिंताजनक संकेत हैं। मैं कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार लोगों से कानून के शासन का पालन करने की अपील करता हूं।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘जब हमारा राज्य प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है और इतना तनाव है, तो कुछ तत्व केवल धार्मिक राजनीति कर रहे हैं। उपद्रवियों से उनकी आस्था की परवाह किए बिना सख्ती से निपटा जाना चाहिए, कानून सभी के प्रति निष्पक्ष होना चाहिए। मैं त्रिपुरा से इस कठिन समय में एकजुट होने और एक-दूसरे से झगड़ा नहीं करने का आग्रह करता हूं।’’ त्रिपुरा में 19 अगस्त से आई विनाशकारी बाढ़ के कारण कम से कम 26 लोगों की मौत हो चुकी है और 1.17 लाख लोग बेघर हो गए हैं। 

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