फर्जी जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह एक और सदस्य गिरफ्तार : दो साल में पांच लाख लोगों के बनाए थे फर्जी प्रमाण पत्र

फजी प्रमाण पत्र बनाने के मामले में फरार चल रहे आरोपित को एटीएस ने लखनऊ से किया गिरफ्तार, पूछताछ में आरोपित ने उगले कई राज

फर्जी जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह एक और सदस्य गिरफ्तार : दो साल में पांच लाख लोगों के बनाए थे फर्जी प्रमाण पत्र

अमृत विचार, लखनऊ डेस्क : रायबरेली जनपद में ग्राम विकास अधिकारी की जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र पोर्टल की आईडी का गलत इस्तेमाल कर फर्जी प्रमाण-पत्र देने के मामले में एटीएस को बड़ी सफलता मिली है। इस मामले में फरार चल रहे एक आरोपित को एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है। एटीएस की गिरफ्त में आया आरोपित बिहार के दरभंगा का रहने वाला है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। आरोपित ने बताया कि दो वर्ष में उसने यूपी-बिहार के चार लाखों के फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र और लगभग पांच हजार लोगों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए है।

एटीएस के आईजी नीलाब्जा चौधरी का कहना है कि रायबरेली जनपद में जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र का फर्जीवाड़ा सामने आने पर सलोन थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पूर्व में इस खेल में शामिल 17 आरोपितों की गिरफ्तार की जा चुकी है। उनकी निशानदेही पर एटीएस को दरभंगा बिहार निवासी रविकेश के बारे में जानकारी हुई। उन्होंने बताया कि दर्ज प्राथमिकी में रविकेश नामजद था। शनिवार रात रविकेश के लखनऊ में होने की सूचना प्राप्त हुई थी। इसके बाद एटीएस ने घेरा बंदी कर रविकेश गिरफ्तारी की। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वर्ष 2022 में उसने पोर्टल www.crsogovr.in और वर्ष 2023 में www.thedashboard.in बनाया था। सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से उनसे यूपी और बिहार में अपने गिरोह की जड़ें मजबूत कर ली थी। इस खेल में तमाम जनसुविधा केंद्र संचालक भी शामिल थे। उसके पोर्टल पर करीब 4100 यूजर दिख रहे हैं। इसमें 1500 यूजर लगातार सक्रिय है।

आरोपित ने बताया कि फर्जी प्रमाण पत्र से उसे चार हजार रुपये की कमाई रोज होती थी, उसने दो वर्षों मे यूपी-बिहार के करीब पांच लाख से भी ज्यादा लोगों के फर्जी प्रमाण पत्र बनाए थे। इसमें चार लाख फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और पांच हजार फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए थे। वर्ष 2022 में आरोपित को गिरोह के सदस्यों से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले सरकारी पोर्टल www.crsorgi.gov.in के अलग-अलग यूजर नेम व पासवर्ड मिले। इस पर ओटीपी डालकर उसने कई प्रमाणपत्र बनवाए थे। रायबरेली के ग्राम विकास अधिकारी की मूल आईडी व पासवर्ड का दुरुपयोग कर जब फर्जी प्रमाण पत्र बनाए जाने लगे जब उसके गिरोह का खुलासा हो गया था। जिसके बाद पुलिस ने आरोपित, विजय यादव, जीशान खान, सुहेल, रियाज, गोविन्द केशरी, आकाश, सलमान अली उर्फ गुरु, संजीव सिंह, वैभव उपाध्याय, शाहनवाज, आरिफ अली, शहनवाज, धीरज, राजन उर्फ देवमणि, नीरज, अरमान और सतीश सोनी की गिरफ्तारी की है। इसके अलावा आरिफ समेत सात आरोपितों की गिरफ्तारी एटीएस के द्वारा की जा चुकी है।

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