गोंडा: 76 आशा कर्मियों पर गिरी गाज, DM के निर्देश पर CMO ने समाप्त की सेवा, जानें वजह
नई आशाओं के चयन के लिए ग्राम स्वच्छता एवं पोषण समिति से मांगा गया प्रस्ताव
गोंडा, अमृत विचार। स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बरतने वाली जिले की 76 आशा कर्मियों पर गाज गिरी है। टीकाकरण व फाइलेरिया रोधी महत्वपूर्ण अभियान में रुचि न लेने वाली इन आशा कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गयी है। समीक्षा बैठक में लापरवाही उजागर होने पर डीएम ने इन सभी आशा कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था।
डीएम के निर्देश पर सीएमओ ने नोटिस जारी कर सभी आशा कर्मियों से दो दिन के भीतर जवाब मांगा गया था लेकिन किसी ने नोटिस का जवाब नहीं दिया। इस पर सीएमओ ने सभी 76 आशा कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी है। साथ ही इनके स्थान पर नई आशाओं के चयन के लिए ग्राम स्वच्छता एवं पोषण समिति से प्रस्ताव मांगा गया है।
जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक में इन आशा कर्मियों की लापरवाही उजागर हुई थी। इस पर डीएम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कार्रवाई का निर्देश दिया था। सीएमओ ने सभी को नोटिस देकर दो दिन के भीतर जवाब मांगा था। नोटिस मिलने के बाद भी किसी आशा कर्मी ने इसका जवाब नहीं दिया। इस लापरवाही पर सीएमओ डा. रश्मि वर्मा ने सभी 76 आशा कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी है।
सीएमओ ने बताया नोटिस मिलने के बावजूद इन स्वास्थ्यकर्मियों ने विभागीय कार्यों में रुचि नहीं ली। इससे विभाग की छवि धूमिल हुई। बार-बार नोटिस देने के बाद भी सुधार नहीं हुआ। इसके बाद इन सभी की सेवा समाप्त कर दी गयी है। इनके स्थान पर नई आशा के चयन के लिए ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति से प्रस्ताव लेकर प्रक्रिया पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
इन ब्लाकों के आशाकर्मियों पर हुई कार्रवाई
डीसीपीएम डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि सीएचसी बभनजोत की पांच, बेलसर की पांच, छपिया की तीन, करनैलगंज की पांच, मनकापुर की पांच, हलधरमऊ की पांच, झंझरी की पांच, कटरा बाजार की पांच, मुजेहना की पांच, नवाबगंज की पांच, पंड़रीकृपाल की पांच, परसपुर की चार, रुपईडीह की चार, तरबगंज की पांच व वजीरगंज की पांच आशा कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई है।
महिला अस्पताल में प्रतिदिन आने वाली आशा कर्मियों पर भी नजर
जिला महिला अस्पताल में प्रतिदिन बड़ी संख्या में आशा बिना कारण घूमती रहती हैं। बताया जा रहा है कि यह आशा कर्मी गर्भवती महिलाओं को बहला फुसलाकर बाहर की जांच व निजी नर्सिंगहोम में ऑपरेशन कराने को प्रेरित करती हैं। इसकी भी विभाग को मिली है। अब स्वास्थ्य विभाग बिना कारण नियमित अस्पताल आने वाली आशाओं को सूचीबद्ध करने में जुटी है। सीसीटीवी कैमरे से निगरानी कर एक सप्ताह तक प्रतिदिन अस्पताल आने वाली आशा कर्मियों को चिन्हित किया जा रहा है। जल्द ही इनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।
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