नैनीताल: हाईकोर्ट ने कहा उन विचाराधीन कैदियों के लिए वकील नियुक्त किए जाएं जो जमानती बांड न भर पाने के चलते रिहा नहीं हो पाए

नैनीताल: हाईकोर्ट ने कहा उन विचाराधीन कैदियों के लिए वकील नियुक्त किए जाएं जो जमानती बांड न भर पाने के चलते रिहा नहीं हो पाए

नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने राज्य के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को निर्देश देते हुए कहा है कि जमानत पर रिहा होने के लिए व्यक्तिगत बांड प्रस्तुत करने में असमर्थता के कारण जेल में बंद विचाराधीन कैदियों के लिए वकील नियुक्त किए जाएं। दस अप्रैल के आदेश के तहत प्राधिकरण को निर्देश दिया गया कि वे उन विचाराधीन कैदियों की हिरासत के संबंध में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें, जिन्हें जमानत बांड न भरने के कारण रिहा नहीं किया गया।

चीफ जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने स्वतः संज्ञान लेने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को आवश्यक निर्देश दिए हैं।

न्यायालय ने यह उल्लेख किया है कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम की प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (कार्य संचालन एवं अन्य प्रावधान) विनियम, 2006 में 12 जून 2024 के आदेश द्वारा संशोधन करके विधिक सहायता परामर्शदाताओं की फीस में लगभग तीन गुना वृद्धि की है। कोई भी एडवोकेट जो पैनल में शामिल नहीं है लेकिन बार में 3 वर्ष से अधिक का अनुभव रखता है विचाराधीन कैदियों को निःशुल्क विधिक सेवाएं प्रदान करता है, ऐसे वकील को भी आवेदन करने पर मानदेय भुगतान हेतु अनुमोदित शुल्क अनुसूची का लाभ दिया जा सकता है।

ताजा समाचार

Kanpur: एपी फैनी कम्पाउंड की जमीन खरीद फरोख्त में पुलिस ने सलीम को उठाया...लेखपाल ने पांच लोगों के खिलाफ दर्ज कराई FIR
कुलदेवता मंदिर पर इस्लामिक झंडा लगाकर फोटो वायरल की
मुरादाबाद: ननदोई ने किया दुष्कर्म तो पति बोला- तलाक, तलाक, तलाक...पीड़िता ने एसएसपी से लगाई न्याय की गुहार
बरेली: विजय खुद भी कभी नहीं गया क्लास और मिल गई डिग्री, बस यहीं से हुई फर्जीवाड़े की शुरुआत
वन नेशन, वन इलेक्शन प्रस्ताव को मंजूरी देने पर योगी ने जताया आभार
Kanpur: पार्क के कब्जे ढहाने पहुंचा केडीए का दस्ता, बुलडोजर के आगे लेटी महिलाएं...मिन्नतें करते दिखे अधिकारी, बैरंग लौटे