Sawan 2024: तीन बार बदलता है शिवलिंग का रंग, क्या आप जानते हैं जंगलेश्वर मंदिर का रहस्य
बाराबंकी, अमृत विचार: बाराबंकी के अंदर वैसे तो महादेवा, आवशानेश्वर, सिद्धेश्वर, प्रसन्नार्तीथ जैसे कई प्राचीन शिव मंदिर हैं, लेकिन शहर से सटे सोमैया नगर में एक ऐसा भी शिव मंदिर है। जहां स्थापित शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है। खास बात यह है कि रंग बदलने के पीछे की वजह आज तक किसी को पता नहीं चल सका है। कहते हैं कि सावन महीनें में शिवलिंग का रंग बदलते देखना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस रहस्मयी शिवलिंग के दर्शन मात्र से सभी की इच्छाएं पूरी होती है। यहीं वजह है कि महादेव के इस मंदिर में हमेशा ही भक्तों का मेला लगा रहता ।
शहर से सटे के सोमैया नगर स्थित जंगलेश्वर नाथ शिव मंदिर है। लोगों का कहना है कि अंग्रेजों के समय जब शुगर मिल बनने के लिए यहां पर खुदाई हो रही थी, तो उस खुदाई के दौरान शिवलिंग मिला था। यह शिवलिंग सदियों साल पुराना है। पहले यहां चारों तरफ जंगल ही जंगल था। जिसके चलते लोगों का आना-जाना नहीं होता था। इस मंदिर की जानकारी लोगों को तब हुई जब शुगर मिल बनकर तैयार हो गया। जब इसको चालू करने की बार-बार प्रयास किया जा रहा था फिर भी शुगर मिल नहीं चला। जिसके बाद बताया जाता है कि तब भगवान भोलेनाथ ने स्वप्न में मिल के मैनेजर को दर्शन दिए। उसके बाद मैनेजर और कर्मचारियों ने साथ आकर भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की और मिल चालू होने की कामना करते हुए प्रार्थना की। तब जाकर मिल चालू हो पाई। मिल चालू होने के बाद इस मंदिर की शक्तियों का लोगों को पता चला तो लोगों का आना शुरू हुआ। शिव लिंग मिलने के बाद यहां पर मंदिर की स्थापना की गई। मान्यता है कि आज भी इस मंदिर का शिवलिंग दिन में तीन बार प्रातः काल, मध्यकाल और प्रदोष काल में अलग-अलग रंग बदलता रहता है। जिससे इसकी आभामंडल दोगनी बढ़ जाती है। शिवलिंग के रंग बदलने के पीछे की वजह क्या है यह आज तक पता नहीं चल सका है। यह एक रहस्त अबूझ पहली बनी हुई है। मान्यता है कि यहां पांच सोमवार आने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
क्या कहते हैं व्यवस्थापक
मंदिर की देखरेख करने वाले व्यवस्थापक शीतल यादव बताते हैं कि इस शिवलिंग का रंग दिन बार बदलता है। लोगों की अपार भीड़ यहां उमड़ती है। मान्यता है कि दर्शन मात्र से मुरादें पूरी होती है। यहां सबसे ज्यादा शिवरात्रि और सावन महीनें में भीड़ होती है।
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