इस रक्षाबंधन हाथों पर सजेंगी स्पेशल राखी, बच्चों से लेकर बड़ों तक सबके लिए है अलग वैराइटी

इस रक्षाबंधन हाथों पर सजेंगी स्पेशल राखी, बच्चों से लेकर बड़ों तक सबके लिए है अलग वैराइटी

(नीरज मिश्र) लखनऊ, अमृत विचार: रक्षाबंधन पर्व नजदीक है। ऐसे में रंग-बिरंगी सूती और रेशमी राखियों के बाजार सज गए हैं। शहर के हर प्रमुख बाजारों, गली-मोहल्लों तक में दुकानें लग गई हैं। स्टाइलिस्ट और स्टोन से बनी राखियां ऐसी हैं कि स्वत: ही खरीदारी को निकली बहनों को दुकानों पर रुकने को मजबूर कर दें। बेहतरीन चमकदार नगीने और ऐसे-ऐसे स्टोन जो न काले पड़ेंगे और न ही टूटेंगे वजह इन्हें मोती और सूती-रेशमी राखियों की लड़ों में पिरोया जो गया है। बहनों का यह प्यार सिर्फ एक दिन के पर्व का नहीं इनकी खूबसूरती और ब्रेसलेट जैसा स्टाइल पूरे साल बहन का प्यार भाइयों की कलाई पर बंधा रहने की गारंटी देता है। राखी विक्रेता कहते हैं कि पहले दो-चार दिन में सूती और रेशमी राखी हाथों से फिसल जाती थी लेकिन अब यह ''पूरे साल बहन के प्यार को सहेजने'' वाला है। ब्रेसलेट राखी ज्वेलरी सरीखी दिखती है।

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एक पाउच में रोली, अक्षत, चंदन, मिश्री और राखी
मोहन राखी वाले शिवम अग्रवाल बताते हैं कि अगर बहन बाहर से आ रही हैं और वह राखियों की थाली सजा नहीं पाई है तो बाजार में इसके लिए आइटम हैं। इस बार थाली के साथ-साथ पाउच आया है। इतने छोटे की आसानी से जेब के किसी कोने में रख लें। एक पाउच में रोली, अक्षत, चंदन, मिश्री और राखी सभी कुछ है। मिष्ठान के तौर पर मिश्री के दाने हैं तो चावल और टीका लगाने के लिए रोली भी। राखी साथ में। अगर परिवार बड़ा है तो इसके लिए महज 50 से 60 रुपये का डिब्बा ले लें। इसमें 12 पाउच हैं। करीब 12 से अधिक लोगों का टीका और आसानी से मुंह मीठा हो जाएगा। यही नहीं 50 से 60 रुपये पीस का एक ऐसा आइटम भी है जिसमें रोली, अक्षत वाले चावल, स्टाइलिस्ट राखी और शगुन के तौर पर देने के लिए असली तो नहीं लेकिन गीलट से बना सिक्का भी मौजूद है। खाली थाली और डिजाइनर भरी थाली भी है। इसकी कीमत भी आपके बजट में है।

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बुआ ने देखीं राखी तो भतीजियों के लिए खरीदेंगी जरूर
12 पीस वाली भतीजियों के लिए ब्रेसलेट हैं। 200 रुपये दर्जन के यह ब्रेसलेट बुआ अगर दुकान पर देखेंगी तो खरीदेंगी जरूर। एडी ब्रांड की 120 रुपये प्रति पीस की यह स्टोन राखियां खूब पसंद की जा रही हैं।

बच्चों के लिए मोटू-पतलू राखी
शिवम अग्रवाल के मुताबिक बच्चों के लिए नई राखी आई है। इसमें एक राखी है और उसके साथ ही मुंह मीठा करने वाला टॉफी का बंच भी। पजल नाम का गेम भी इसी पैकिंग में रखा है। उसे बिगाड़ो और फिर सही कर उसे सेट करो। इसे देख बच्चे जरूर खुश होंगे कि खेल के साथ टॉफी और राखी। बच्चों की टेडी राखी अलग-अलग रंगों में जलती-बुझती है। तो मोटू-पतलू, छोटा भीम, डोरेमान जैसी राखियां भी बच्चों के लिए अलग हैं।

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ब्रेसलेट की भी मांग
कुछ दिन कलाई पर बंधी रहने वाली सूती और रेशमी राखी का स्थान अब ब्रेसलेट लुक की अमेरिकन स्टोन राखियों ने ले लिया है। थोक बाजार यहियागंज में 250 रुपये प्रति पीस की अलग-अलग डिजाइन की यह राखी पसंदीदा है। राजस्थानी ब्रेसलेट भी डिमांड में हैं।

पूजा राखी
पांच रुपये दर्जन से शुरू होकर अलग-अलग कीमतों में हैं। यहियागंज के राखी व्यापारी आनंद गुप्ता ने बताया कि मोती की लड़ वाली राखी है तो रुद्राक्ष वाली रंगीन राखियां लंबे समय तक कलाई पर बंधी रहेंगी।

ऑनलाइन कारोबार बिगाड़ रहा बाजार का मजा
यहियागंज व्यापार मंडल के युवा अध्यक्ष कुश मिश्र, मोहनभाई और शिवम अग्रवाल बताते हैं कि ऑनलाइन राखी ने रिटेल ट्रेड का बर्बाद कर दिया है। आमजन को महंगी राखी बेचकर उन्हें ठग रहे हैं। तरह-तरह के ब्रांड दिखा सैकड़ों रुपया प्रति पीस का वसूला जा रहा है। इसे बंद होना चाहिए। सरकार ध्यान दे नहीं तो त्योहारी कारोबार भी चौपट हो जाएगा।

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