नैनीताल: पिथौरागढ़ के सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की कमी पर राज्य सरकार से मांगा जवाब

विधि संवाददाता, नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने पिथौरागढ़ के बेस अस्पताल सहित जिले के अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने मामले को गंभीर मानते हुए राज्य सरकार से तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामले के अनुसार पिथौरागढ़ निवासी डॉ. राजेश पांडे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि पिथौरागढ़ के बेस अस्पताल सहित जिले के अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मूलभूत सुविधाओं का भारी अभाव है। इनमें चिकित्सकों की कमी, मेडिकल स्टाफ, टेक्नीशियन सहित अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है।
नजदीकी जिले अल्मोड़ा व चम्पावत में भी यही स्थिति है। इसके चलते यहां आने वाले मरीजों को 250 किलोमीटर दूर हल्द्वानी रेफर किया जाता है। प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के से कई मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। कई बार तो गर्भवती महिलाओं व बच्चों को जरूरी दवाएं व जांच तक उपलब्ध नहीं हो पातीं। कई मामलों में तो गर्भवती महिलाओं की एंबुलेंस में ही प्रसव हो गया।
याचिका में बेस अस्पताल में मूलभूत सुविधाएं और डॉक्टरों की तैनाती करने की मांग की। यह हाल तब है जब पिथौरागढ़ सामरिक दृष्टि से अंतर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़ा हुआ, इसलिए यहां मेडिकल की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए थीं। बेस अस्पताल जो 70 करोड़ रुपये की लागत से बनकर वर्ष 2021 में स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया था, उसके बाद भी नियुक्तियां नहीं हुई हैं।