Kanpur: शातिर कर रहे सरकार की इस योजना में सेंधमारी...लोगों से वसूल रहे मोटी रकम, फर्जीवाड़े के 20 मामले आए सामने, पढ़ें पूरी खबर

Kanpur: शातिर कर रहे सरकार की इस योजना में सेंधमारी...लोगों से वसूल रहे मोटी रकम, फर्जीवाड़े के 20 मामले आए सामने, पढ़ें पूरी खबर

कानपुर, अमृत विचार। आयुष्मान भारत योजना का लाभ जरूरतमंद लोगों को मिल सके, इसके लिए सरकार ने इसका संचालन किया है, लेकिन कुछ शातिरों ने सरकार की इस योजना पर सेंधमारी करनी शुरू कर दी है। दरअसल शातिर मिलते-जुलते नामों का फायदा उठाकर किसी अन्य व्यक्ति का आयुष्मान कार्ड बनाकर फायदा ले व दे रहे हैं। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर कराई है।

गरीब व जरूरतमंदों को सरकारी और निजी अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक का निशुल्क इलाज मिल सके, इसके लिए सरकार ने आयुष्मान योजना की शुरुआत की है, इसके लिए कई केंद्रों पर आयुष्मान कार्ड भी बनाए जा रहे हैं। लाभ लेने के लिए व्यक्ति का नाम सरकार की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (2011), अंत्योदय अन्न योजना (लाल कार्ड), लेबर कार्ड 2020, मुख्यमंत्री जन आरोग्य यूपी, पात्र गृहस्थी राशन कार्ड (6 या 6 से ज्यादा सदस्य) के अलावा सीनियर सिटीजन योजनाओं में से किसी एक में नाम होना जरूरी है। इन योजनाओं में अगर नाम नहीं है तो आयुष्मान के पात्र किसी भी हालत में नहीं बन सकते हैं। 

लेकिन कई लोग आयुष्मान की पात्रता हासिल करने के लिए इंटरनेट कैफे पहुंच रहे हैं, जहां पर बिना पात्रता के भी आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। इसके लिए सबसे पहले आवेदक और उसके पिता के नाम के जैसे किसी और पात्र व्यक्ति की तलाश की जाती है। सर्च करने पर अगर किसी पात्र व्यक्ति और उसके पिता का नाम मिल जाता है तो कैफे के शातिरों के लिए यह खेल काफी आसान हो जाता है। 

वह बगैर पात्रता वाले की फोटो लगाकर फर्जी केवीआईसी बनाकर आयुष्मान कार्ड प्रिंट निकालकर उन्हें थमा दिया जाता है। वहीं, लाभार्थी के पता का इतना महत्व नहीं दिया जाता है, इसलिए खेल काफी आसान होता है। लेकिन एक जैसे नाम का फायदा उठाकर किसी और का आयुष्मान कार्ड हथिया लेने का यह खेल अधिक समय तक टिक नहीं सका। 

क्योंकि बीते छह में किसी और के नाम का आयुष्मान कार्ड लेने वालों का अस्पताल में इलाज के दौरान अंगूठा मैच नहीं हो सका, जिसकी वजह से वह फंस गए। साथ ही कैफे वालों की मिलीभगत भी सामने आ गई। सीएमओ डॉ.आलोक रंजन के मुताबिक एक जैसे नाम का फायदा उठाकर दूसरों का आयुष्मान कार्ड लेकर घूमने वाले छह माह में 20 मामले सामने आए हैं। इनमें से पांच के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग एफआईआर करा चुका है। ऐसे में लोगों को जागरूक होना भी जरूरी है।

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