मुहर्रम : शाही अंदाज में निकला शाही जरीह का जुलूस 

मुहर्रम  : शाही अंदाज में निकला शाही जरीह का जुलूस 

लखनऊ, अमृत विचार। कर्बला के शहीदों की याद में पहली मुहर्रम को एतिहासिक आसिफी इमामबाड़े से शाही जरीह का जुलूस निकाला गया। 22 फुट ऊंची और 10 फुट चौड़ी शाही जरीह जुलूस का ख़ास आकर्षण बनकर उभरी। शाही जरीह के पीछे 17 फुट ऊंचा ताजिया भी साथ-साथ चला। जुलूस के साथ मातमी बैंड और मर्सियाख्वानी भी लोगों को अपने साथ बांधे रही।

मौलाना मोहम्मद अली हैदर ने जुलूस से पहले मजलिस को खिताब करते हुए कर्बला में यजीद की फ़ौज के साथ हुई 72 लोगों की जंग का मंजर पेश किया। मजलिस के बाद शाही जरीह का जुलूस शुरू हुआ तो शहनाई पर गूंजा :- मजलिसे गम है शाहे हुदा की, आज पहली है माहे अजा की। जुलूस के साथ मातमी बैंड पर नौहे पेश किये जा रहे थे।

जरी का जुलूस

हुसैनाबाद ट्रस्ट की ओर से निकलने वाले इस शाही जुलूस में हाथी, ऊंट और हजरत इमाम हुसैन का घोड़ा जुलजनाह भी शामिल किया गया था। जुलूस के साथ शाही निशान भी थे। ट्रस्ट के कर्मचारी वर्दी में जुलूस के साथ चल रहे थे। जुलूस के साथ पीएसी व होमगार्ड के जवान भी बैंड पर मातमी धुन बजा रहे थे। जुलूस घंटाघर के रास्ते छोटे इमामबाड़े की तरफ धीमी रफ़्तार में बढ़ रहा था और पूरे रास्ते में काले लिबासों में मातमदार मातम कर रहे थे।

जुलूस

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम 

पुलिस व प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये थे। जुलूस के रास्तों को बैरीकेडिंग के जरिये बंद कर दिया गया था। पुलिस, पीएसी और रैपिड एक्शन फ़ोर्स अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद थी। ड्रोन कैमरे की मदद से जुलूस और आसपास के इलाके की निगरानी की जा रही थी। जिला और पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी जुलूस के साथ-साथ चल रहे थे।

यह भी पढ़ें :- लखनऊ : क्राइम कंट्रोल करने वाली UP पुलिस में नौकरी करते पकड़े गए 34 जालसाज, फिर जो हुआ-जानकर रह जाएंगे हैरान

ताजा समाचार