Kanpur News: लंबे समय तक कमर दर्द तो हो सकता स्पाइन टीबी...ये है शुरुआती लक्षण

फेफड़ों में हुए संक्रमण के कारण हो जाती है स्पाइन में टीबी

Kanpur News: लंबे समय तक कमर दर्द तो हो सकता स्पाइन टीबी...ये है शुरुआती लक्षण

कानपुर, अमृत विचार। गर्दन व कमर में होने वाले दर्द को अक्सर लोग सामान्य दर्द समझकर नजरअंदाज करते रहते हैं, लेकिन ऐसा करना सेहत पर भारी पड़ सकता है। खासकर कमर दर्द अगर लंबे समय तक बना रहता है तो यह स्पाइन टीबी का लक्षण हो सकता है, जिसकी गिरफ्त में वृद्ध वर्ग के साथ ही 20 से 40 वर्ष के युवा भी आ रहे हैं। इसे नजरअंदाज करने पर मरीज लकवा ग्रस्त भी हो सकता है। 

हैलट अस्पताल के आर्थो विभाग के वरिष्ठ आर्थो सर्जन डॉ.रोहित नाथ ने बताया कि ओपीडी में करीब तीन से चार सौ मरीज इलाज के लिए आते हैं, जिनमे से लगभग पांच नए मरीज टीबी के लक्षण युक्त मिल रहे हैं। जो लंबे समय से कमर, पीठ व गर्दन में दर्द बना रहने और चलने और अधिक काम में सांस फूलने जैसे समेत लक्षण बताते हैं।

स्पाइन टीबी लोगों में आसानी से होती है। टीबी का संक्रमण सबसे पहले फेफड़े को प्रभावित करता है, उसके बाद फेफड़े से इंफेक्शन स्पाइन की ओर बढ़ता है। ऐसा इसलिए क्योंकि फेफड़े के ठीक पीछे स्पाइन होती है, जिसकी वजह से उनमे संक्रमण आसानी से पहुंच जाते हैं।

धीरे-धीरे संक्रमण स्पाइन पर हावी होने लगते हैं, जिसके कारण मरीज को कमर, पीठ व गर्दन में दर्द की समस्या होने लगती है। इसलिए कमर, पीठ व गर्दन में लंबे समय तक बने रहने वाले गर्दन को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और न ही बिना किसी डॉक्टर की सलाह से अपने मन से कोई दवा का सेवन करना चाहिए। कुछ मामलों में लकवा भी पड़ सकता है। 

ज्वाइंट टीबी व बोन में ट्रिगर कर रही टीबी 

बदलती जीवनशैली, गलत खानपान, प्रदुषण, आरामदायक जीवन की चाह में सबसे अधिक नुकसान मानव शरीर को हो रहा है। इसके कारण लोग कई प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं, जिनमे ज्वाइंट टीबी और बोन टीबी भी शामिल हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों के मुताबिक यह बीमारी पहले अधिक उम्र के लोगों में देखने को मिलती थी, लेकिन इसकी गिरफ्त में अब 20 से 40 वर्ष के युवा भी आ रहे हैं। 

टीबी की दवा नियमित खाना जरूरी

डॉ. रोहित नाथ ने बताया कि टीबी के मरीज को चार से पांच दवाएं दी जाती हैं। किसी कारण मरीज नियमित तौर पर दवा का सेवन नहीं कर पाते है तो उनमे टीबी की बीमारी गंभीर होती है, तब मरीजों में दवा असर करना कम कर देती है। इसके अलावा टीबी स्पाइन, बोन व ज्वाइंट में होती है तो फिर टीबी के मरीजों को दी जाने वाली दवाओं का असर भी कम होता है। 

टीबी की शुरुआती लक्षण 

- भूख न लगना, 
- लंबे समय तक खांसी 
- वजन का काम होना। 
- कमर, गर्दन व पीठ में दर्द बने रहना
-  शरीर के जोड़ों में हड्डियों में दर्द होना

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