बाराबंकी: कागजों तक सिमटी पशु क्रूरता रोकने की एसपीसीए समिति

बाराबंकी: कागजों तक सिमटी पशु क्रूरता रोकने की एसपीसीए समिति

बाराबंकी, अमृत विचार। पशुओं पर होने वाली क्रूरता को रोकने के लिए बनी एसपीसीए समिति सिर्फ कागजों पर ही चल रही है। सूत्रों की माने तो काफी लंबे समय से इस समिति की बैठक नहीं कराई गई है। जिम्मेदार अधिकारी भी इसके प्रति सजग नहीं हैं। नियमानुसार समिति की हर माह बैठक होनी चाहिए, लेकिन साल में एक दो बार भी शायद ही बैठक होती हो। अगर बैठक हुई तो उसका नतीजा क्या रहा, इसकी कोई जानकारी नहीं हो पाती। इससे जनपद के अलग-अलग हिस्सों में पशु क्रूरता और पशु तस्करी के मामले आए दिन सामने आते हैं।

शासन की ओर से एसपीसीए (सोसाइटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ क्रूएल्टी टू एनिमल) का करीब पांच वर्ष पहले गठन किया गया। इसका उद्​देश्य पशु तस्करी के साथ ही जानवराें के साथ होने वाले दुव्यर्वहार को रोकना है। पशु क्रूरता पर नजर रखने के लिए गठित इस समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी, उपाध्यक्ष पुलिस अधीक्षक व सचिव के रुप में जिला पशु चिकित्साधिकारी नामित हैं। बतौर सदस्य समिति में डीएफओ, पीडब्लूडी के अधिशासी अभियंता, नगर पालिका व नगर पंचायतों के ईओ आदि भी शामिल हैं। इनके अलावा समिति में दो पशु प्रेमी शासन की ओर से नामित किए जाते हैं, जबकि एक सदस्य गोशाला का अध्यक्ष व मंत्री होता है।  कहने को तो कागजों में समिति गठित है, लेकिन धरातल पर जो जिम्मेदारियां सौंपी गईं हैं वह नजर नहीं आती हैं। समिति के सदस्यों की ओर से न तो इसकी मॉनीटरिंग होती है न ही अन्य कोई कार्रवाई की जा रही है।

बगैर ट्रांजिट परमिट के पशुओं को ले जाने पर पाबन्दी 
एक जनपद से दूसरे जनपद में पशुओं को भेजना केवल ट्रांजिट परमिट पर ही हो सकता है। इसके लिए पशुओं की खरीद-फरोख्त करने वाले व्यापारियों की एसपीसीए को निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन करना होता है।

एसपीसीए एक्ट 
पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मवेशी को चारा नहीं देने, समय से उसका इलाज न करने की दशा में पशुपालक के खिलाफ मुकदमा व मवेशी को जब्त किया जा सकता है। इसके अलावा ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन देने व एक ट्रक पर छह से अधिक मवेशी लदे होने पर एसपीसीए एक्ट में कार्रवाई का प्रावधान है। गर्मी के दिनों में धूप में मवेशी रखने पर भी कार्रवाई करने का नियम है।

वर्जन-
अभी गोशालाओं में पौधरोपण को लेकर पूरा फोकस है। एसपीसीए की बैठक जल्द ही कराई जाएगी। इसके पूर्व भी बैठकें हुईं हैं। -डॉ.अतुल अवस्थी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी।

ये भी पढ़ें -हाथरस हादसा: न्यायिक आयोग सभी से भगदड़ से जुड़े सबूत साझा करने का जारी करेगा नोटिस