Unnao News: बारिश में बिल से बाहर निकल आए सांप...बढ़ा सर्पदंश का खतरा, काटने पर यह बिल्कुल न करें

समुचित इलाज न मिलने व झाड़ फूंक के चक्कर में लोग गवां रहे जान

Unnao News: बारिश में बिल से बाहर निकल आए सांप...बढ़ा सर्पदंश का खतरा, काटने पर यह बिल्कुल न करें

उन्नाव, अमृत विचार। अगर आप रात में घर से निकल रहे हैं या अंधेरे में कमरे में जा रहे हैं तो सावधान रहें। क्योंकि बारिश के चलते इन दिनों सांप अपने बिलों से निकलकर बाहर आ गये हैं और इधर-उधर भटक रहे हैं। ऐसे में जिले में सर्पदंश की घटनाएं भी बढ़ रहीं हैं। यही कारण है कि जिले के सरकारी व गैर अस्पतालों में सर्पदंश के मरीजों की संख्या बढ़ गयी हैं।

वैसे तो सांपों की सैकड़ों प्रजातियां होती हैं। लेकिन, इसमें से पांच प्रतिशत ही जहरीले प्रजाति के होते हैं। जानकार बताते हैं कि उन्नाव जिले में कोबरा व करैत ज्यादा जहरीले प्रजाति के सर्प हैं। इनके काटने से जान को खतरा हो सकता है। ऐसे में मरीज को सर्पदंश के तीन घंटे के भीतर इलाज मिल जाने पर उसकी जान बच जाती है। 

वर्तमान में बारिश शुरू होने से हर जगह जलभराव हो गया है। हर तरफ पानी भरने से बिल में रहने वाले सांप बाहर निकलने लगे हैं। बारिश शुरू होते ही वे जंगल छोड़कर गावों व घरों में आ रहे हैं। इसके चलते अचानक सर्पदंश के मामले भी बढ़े हैं। यह मरीज उन्हीं क्षेत्रों से हैं जहां जलभराव अधिक हुआ है। 

किसी को खेत में तो किसी को घर में सांप ने काट लिया। चिकित्सकों का कहना है कि बारिश में हर वर्ष सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं। लोगों को यह ध्यान देने की जरूरत है कि झाड़फूंक के चक्कर में समय न बर्बाद कर वह जल्द से जल्द अस्पताल पहुंच जायें। जिससे समय से उनका इलाज शुरू हो सके।

सर्पदंश के ये हैं लक्षण…

- आंखें बंद होने लगती हैं। शरीर के जोड़ों में ऐंठन व तेज दर्द होता है।
- सांप के काटने वाले स्थान पर तेजी से सूजन आने लगती है।
- सांप काटने वाले स्थान पर त्रिभुज जैसा निशान बन जाता है।
- जिसे सांप ने काटा है उसे मितली या उल्टी शुरू हो जाती है।

यह बिल्कुल न करें…

- सांप के काटने के बाद दौड़-भाग न करें। खून का प्रवाह बढ़ने पर जहर तेजी से फैलता है।
- सर्प दंश की जगह को काटें नहीं। इससे इंफेक्शन व अधिक रक्तस्राव हो सकता है।

क्या बोले सीएमओ…

सीएमओ डाॅ. सत्य प्रकाश ने कहा कि वर्तमान में जिले के अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में स्नेक वेनम उपलब्ध हैं। सर्पदंश के बाद झाड़फूंक के चक्कर में न पड़ें और जल्द मरीज को अस्पताल पहुंचायें। सभी डाक्टरों को निर्देश दिये गये हैं कि सर्पदंश का कोई मरीज आये तो तत्काल वैक्सीन लगाकर उसकी हालत के अनुसार ही इलाज करें।

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