Kanpur News: जाजमऊ में ट्रीटमेंट प्लांट से ही गंगा में बहा दिया सीवेज...जल निगम की ठेकेदार कंपनी की लापरवाही आई सामने

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में जाजमऊ में ट्रीटमेंट प्लांट से ही गंगा में बहा दिया सीवेज

कानपुर, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के निरीक्षण में जाजमऊ एसटीपी से सीवेज गंगा में गिरता मिला। 130, 43 एमएलडी एसटीपी एवं कॉमन सीवेज पंपिंग स्टेशन में निरीक्षण के दौरान सात पंपों में से सिर्फ एक ही चलता मिला, जबकि सीएसपीएस में लगा गंगा गेट (बाईपास) भी खुला मिला। अधिकारियों ने जल निगम की कार्यदायी संस्था कानपुर रिवर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (केआरएमपीएल) को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा है।

यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्रा ने बताया कि जाजमऊ एसटीपी से सीवेज लगातार गंगा में गिराया जा रहा है। यहां सीएसपीएस का गेट खुला है और एयरफोर्स नाले के माध्यम से भी अशोधित सीवेज गंगा में छोड़ा जा रहा है, जिससे गंगा मैली हो रही हैं। चेतावनी के बाद भी कोई सुधार नहीं हो रहा है। 

इससे पहले भी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गंगा नदी में गंदगी बहाने पर कानपुर रिवर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड पर 6.62 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया था। वसूली करने के लिए गुरुवार को गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई (ग्रामीण) को नोटिस दिया गया है। पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिए 2.62 करोड़ रुपये भू-राजस्व की तरह वसूलने के लिए राज्य बोर्ड लखनऊ ने जिला प्रशासन को पत्र भेजा है।

लगातार लापरवाही बरत रही कंपनी

नगर के सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, सीवेज पंपिंग स्टेशनों का संचालन करने वाली कंपनी पर पहली बार इतना ज्यादा जुर्माना लगा है। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) ने तीन साल पहले नगर के सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों (एसटीपी) और सभी सीवेज पंपिंग स्टेशनों (एसपीएस) के 15 साल रखरखाव और संचालन के लिए 800 करोड़ से ज्यादा का ठेका केआरएमपीएल को दिया है। कंपनी एसटीपी और एसपीएस के संचालन में लगातार लापरवाही कर रही है, जिसकी वजह से अक्सर गंदा पानी गंगा में जाता है।

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