बाराबंकी: 60 फीसदी वाहनों में ही एचएसआरपी, न जागरुकता और न चल रहा अभियान

एआरटीओ कार्यालय में पंजीकृत हैं करीब साढ़े चार लाख वाहन, 22 हजार के आसपास हैं छोटे-बड़े कॉमर्शियल वाहनों की संख्या 

बाराबंकी: 60 फीसदी वाहनों में ही एचएसआरपी, न जागरुकता और न चल रहा अभियान

बाराबंकी, अमृत विचार। जिले में करीब 2.52 लाख से ज्यादा वाहन बिना एचएसआरपी (हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट) के ही दौड़ रहे हैं। बिना एचएसआरपी के दौड़ रहे वाहनों में बड़ी संख्या व्यावसायिक वाहनों की भी है, जबकि इनमें एचएसआरपी लगवाने की समयसीमा फरवरी 2024 तक ही थी। सरकार ने एक अप्रैल 2019 से सभी प्रकार के वाहनों पर एचएसआरपी अनिवार्य कर दी थी।

एक अप्रैल 2019 के बाद खरीदे जाने वाले वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन के साथ ही एचएसआरपी जारी की जाने लगी, इससे पहले खरीदे गए वाहनों पर एचएसआरपी वाहन स्वामियों को ही लगवानी थी। अवधि समाप्त होने के बाद भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यहां तक जागरुकता के लिए अभियान भी नहीं चला जाता है।

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जिले में लगभग साढ़े चार लाख से अधिक वाहन एआरटीओ कार्यालय में पंजीकृत हैं। इनमें 22 हजार छोटे-बड़े कॉमर्शियल वाहन भी शामिल हैं। शासन ने वर्ष 2019 में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने की कवायद शुरू की थी। पहले तो लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट न लगाने पर जब कार्रवाई होने लगी तो लोग सजग हुए। सबसे पहले चार पहिया वाहनों के मालिकों ने एचएसआरपी लगवाने में सजगता दिखाई, लेकिन अभी भी 60 फीसदी वाहनों यह नंबर प्लेट नहीं लग सकी हैं।

इनमें बाइक व कार समेत अन्य वाहन शामिल हैं। जुर्माना का प्रावधान होने के बाद भी लोग एचएसआरपी को लेकर जागरुक नहीं हो रहे हैं। सीधे तौर पर यह कहा जाए कि अब भी जिले में लगभग ढाई लाख से अधिक वाहन बिना एचएसआरपी के दौड़ रहे हैं। आंकड़ों की मानें तो बिना एचएसआरपी के दौड़ रहे वाहनों में 80 फीसदी दुपहिया वाहन हैं। कई बार समयसीमा बढ़ाए जाने के बाद भी वाहन स्वामियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है। वहीं जिले में कई वाहन बिना नंबर प्लेट लगाए ही दौड़ रहे हैं। इनमें नई व पुरानी गाड़ियां शामिल हैं।

ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन

वाहनों पर एचएसआरपी लगवाने के लिए परिवहन विभाग की वेबसाइड पर जाना होगा। इसमें वाहन स्वामी का पूरा नाम और पता भरना होगा। इसके बाद दो पहिया, चार पहिया या अन्य वाहन की श्रेणी के साथ वाहन कंपनी के डीलर को चुनना होगा। चेसिस नंबर और पंजीयन नंबर फीड करना होगा। आरसी और आईडी अपलोड करने पर ओटीपी आएगी। टाइम स्लॉट चुनने के बाद ऑनलाइन भुगतान करना होगा।

दोपहिया और चार पहिया वाहनों पर एचएसआरपी लगवाने के लिए अलग-अलग धनराशि निर्धारित हैं। एचएसआरपी के लिए वाहन स्वामी http://www.siam.in पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। भुगतान करके वाहन स्वामी प्लेट नजदीकी वाहन शोरूम और वर्कशॉप पर डिलीवर करा सकते हैं। इसके बाद नंबर प्लेट लगाने का समय मिलने का मैसेज आने पर उसी दिन निर्धारित स्थान पर जाकर नंबर प्लेट लगवा सकते हैं।

रजिस्ट्रेशन प्लेट में हैं यह जानकारियां

हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट में सात डिजिट का लेजर कोड यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर होता है। जिसमें वाहन संबंधी सभी डिटेल होती है। एचएसआरपी में रजिस्ट्रेशन मार्क, क्रोमियम बेस्ड होलोग्राम स्टिकर वगैरह गारंटी में कवर होंगे और ऐसे होंगे कि निकालने पर खराब हो जाएंगे। डुप्लीकेट नंबर प्लेट बनने से रोकने के लिए इसमें लेजर मार्क और होलोग्राम जैसे सुरक्षा उपाय भी रखे गए हैं। स्टिकर में रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी, रजिस्ट्रेशन नंबर, लेजर ब्रांडेड परमानेंट नंबर, इंजन और चेसिस नंबर तक की जानकारी होगी।

पांच हजार रुपये पड़ेगा जुर्माना

अगर वाहन में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगा है तो ऐसे वाहनों के लिए यातायात पुलिस व एटीआरओ विभाग द्वारा अभियान चलाया जाता है और कार्रवाई कर पांच हजार रुपये जुर्माना जमा कराया जाता है। जिन वाहन स्वामियों ने एचएसआरपी नहीं लगवाई है वह लगवालें। अन्यथा पकड़ने जाने पर कार्रवाई होगी। पूर्व में भी जुर्माना आदि लगाया गया है।
अंकिता शुक्ला, एआरटीओ प्रशासन।

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