बरेली: बारिश में स्कूल बने तालाब, गेट से ही लौटे बच्चे...इंतजाम पूरे करने के अफसरों दावे हुए धड़ाम

बरेली: बारिश में स्कूल बने तालाब, गेट से ही लौटे बच्चे...इंतजाम पूरे करने के अफसरों दावे हुए धड़ाम

बरेली, अमृत विचार: परिषदीय स्कूल 45 दिन की छुट्टी के बाद जब शुक्रवार को खुले तो कई स्कूलों में बच्चाें का जलभराव से स्वागत हुआ। जलनिकासी न होने की वजह से बारिश में स्कूल तालाब बन गए और बच्चों को गेट से ही लौटना पड़ा। स्कूल खुलने से पहले सभी इंतजाम पूरे करने के अफसरों के दावे धरे रह गए। जो स्कूल खुले वहां बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत किया गया और मां सरस्वती की प्रार्थना के साथ पढ़ाई शुरू की गई।

स्कूल खुलने से विभाग ने पहले ही सभी इंतजाम करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए तीन दिन पहले 25 जून को स्कूल खोलकर साफ सफाई भी की गई लेकिन जब शुक्रवार को स्कूल खुले तो बच्चों को परेशानियां उठानीं पड़ीं। बारिश की वजह से हजियापुर प्राथमिक स्कूल में पानी भर गया। इस वजह से बच्चों को स्कूल गेट से लौटना पड़ा। नेकपुर प्राथमिक स्कूल में बारिश के कारण बच्चे ही नहीं पहुंचे। सूफी टोला स्थित स्कूल में भी एक दो बच्चे ही आए। मॉडल किशोर बाजार स्कूल में भी जलभराव की स्थिति बनी रही।

हजियापुर स्कूल के प्रधानाध्यापक दुर्गेश बाबू ने बताया कि लंबे समय से जलनिकासी बदहाल है। वह अपने स्तर से कई बार नालियों को दुरूस्त करा चुके हैं। बरसात के दिनों में यहां जलभराव होता है। बच्चे स्कूल तक नहीं आ पाते हैं। बीएसए को पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराया जा चुका है। रहपुरा चौधरी स्कूल के प्रधानाध्यापक हरीश बाबू शर्मा ने बताया कि दो दिन से शिक्षकों को खुद ही स्कूल की साफ सफाई करनी पड़ रही है। कोई भी सफाई कर्मी नहीं आ रहा है।

तिलक लगाकर बच्चों का किया स्वागत
43 दिन बाद परिषदीय स्कूलों में शिक्षण कार्य शुरू हुआ। गुरुवार को रहपुरा चौधरी स्थित उच्च प्राथमिक स्कूल, कालीबाड़ी और बांके छावनी स्थित प्राथमिक स्कूल में पहुंचे बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत किया गया। शिक्षकों ने उनका उत्साह बढ़ाया। विद्यालयों को सजाया गया था। बच्चों के लिए विशेष रूप से विद्यालयों में खीर और हलवा तैयार कराया गया था।

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