बरेली: सात साल में सिर्फ 15 भूमाफिया तलाश पाया प्रशासन, कब लगेगी लगाम?

इनमें आठ एलायंस बिल्डर्स और दो फरीदपुर कटरी कांड के, 2023 के बाद कोई कार्रवाई नहीं

बरेली: सात साल में सिर्फ 15 भूमाफिया तलाश पाया प्रशासन, कब लगेगी लगाम?

बरेली, अमृत विचार: कई साल पहले जब एंटी भूमाफिया अभियान की घोषणा की गई थी तो ऐसा लगा था कि अब जमीनों पर कब्जों का सिलसिला थम जाएगा लेकिन अब हाल यह है कि एक तरफ थानों, अफसरों के दफ्तरों और एंटी भूमाफिया पोर्टल पर शिकायतों की भरमार है, दूसरी तरफ 2023 से इस अभियान के तहत एक भी कार्रवाई नहीं हुई है। जमीन कब्जाने की तमाम शिकायतें सत्ता से जुड़े लोगों के खिलाफ भी हुईं, लेकिन प्रशासन की भूमाफिया की लिस्ट में आज तक उनमें से किसी का नाम शामिल नहीं हुआ।

एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स के गठन के बाद बरेली में सिर्फ 15 लोगों को भूमाफिया घोषित किया गया है। हर साल सैकड़ों मामले सामने आने के बावजूद यह संख्या आश्चर्यजनक रूप से काफी कम तो है ही, इससे भी ज्यादा दिलचस्प यह है कि इसमें रमनदीप और अमनदीप समेत आठ नाम एलायंस बिल्डर्स के डायरेक्टरों के हैं और दो नाम सुरेश प्रधान और परमवीर सिंह के, जो फरीदपुर की कटरी में जमीन पर कब्जे की जंग में पीलीभीत बाईपास की तरह गोलीबारी हुई थी। इस गोलीबारी में तीन लोगों के मारे जाने के बाद मामला शासन तक गूंजा, तब कई साल से बेपरवाह बने प्रशासन ने यह कार्रवाई की थी।

एंटी भूमाफिया अभियान पर यह सुस्ती प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर रही है। संपूर्ण समाधान और थाना दिवसों में जमीन के मामलों में लगातार बढ़ती शिकायतें भी इन्हीं सवालों को और पुख्ता करती हैं। दरअसल, ज्यादातर मामलों में कहीं न कहीं राजनीतिक हस्तक्षेप शामिल होता है जिसकी वजह से अफसर कार्रवाई करने से कन्नी काट लेते हैं। अब पीलीभीत बाईपास पर शहर को झकझोर कर रख देने वाली घटना के बाद अफसरों ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है।

जमीनों पर कब्जे की शिकायतों का नियमों के मुताबिक निस्तारण कराया जाता है। एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स सरकारी जमीनों पर कब्जे के मामलों में कार्रवाई करती है। जिले में बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर जमीनों को कब्जामुक्त कराया गया है- दिनेश, एडीएम प्रशासन

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