शिक्षकों के पारस्परिक तबादले के बाद अब समायोजन की तैयारी,शासन ने लगाई मोहर, लखनऊ के नगर क्षेत्र की स्थिति बहुत खराब

शिक्षकों के पारस्परिक तबादले के बाद अब समायोजन की तैयारी,शासन ने लगाई मोहर, लखनऊ के नगर क्षेत्र की स्थिति बहुत खराब

अमृत विचार लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के पारस्परिक तबादले के बाद प्राइमरी और जूनियर विद्यालयों में जमें अनुपात से अधिक शिक्षकों को हटाये जाने की तैयारी है। इस संबंध में शासन ने प्रास्तव पर मोहर लगा दी है। जल्द ही इसकी औपचारिक घोषणा होगी। सरकारी स्कूलों का संचालन  प्रत्येक जिले में नगर क्षेत्र और शहरी क्षेत्र दो श्रेणी में होता है। नियमावली के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र का शिक्षक नगर क्षेत्र में नहीं आ सकता है। लेकिन नगर व ग्रामीण दोनो ही विद्यालयों की स्थिति खराब है। काफी संख्या में ऐसे विद्यालय हैं जहां छात्र और शिक्षक अनुपात में बहुत अंतर है। स्थिति ये है कि जहां शिक्षकों की ज्यादा जरूरत है वहां कम है और जहां कम शिक्षकों जरूरत है वहां ज्यादा शिक्षक हैं। इसमें नगर क्षेत्र के विद्यालयों की स्थिति ज्यादा खराब है। जबकि छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों की तैनाती होनी चाहिए। 

368 पर 11 और 322 बच्चों पर तीन शिक्षक

राजधानी के जोन दो में आने वाले बेसिक स्कूल अमरई गांव में 368 बच्चे रजिस्टर के मुताबिक हैं यहां 11 शिक्षकों की तैनाती है। जबकि जोन 2 में ही बेसिक स्कूल चांदन पड़ता है यहां 322 बच्चों पर दो शिक्षक तैनात हैं। दोनो ही विद्यालय में छात्र संख्या 300 के पार है बावजूद उसके शिक्षकों का ये अनुपात है। 

क्या है विद्यालयों में अनुपात

निशुल्क व अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत 30 से 35 बच्चों पर एक शिक्षक का होना अनिवार्य है। लेकिन विद्यालयों में वास्तविक अनुपात इससे कहीं अलग है। इस स्थिति में निपुण लक्ष्य कैसे पूरा होगा ये जिम्मेदार अधिकारी ही बता सकते हैं। 

राजधानी के जोन 1 स्कूलों की स्थिति बहुत खराब
  • -प्रथमिक स्कूल बेहटवा में 10 बच्चों पर दो शिक्षक 
  • -प्राथमिक स्कूल शांतिनगर में 16 बच्चों पर 1 शिक्षक 
  • -प्राथमिक स्कूल हिंद नगर 73 बच्चों पर 4 शिक्षक 
  • - प्राथमिक स्कूल रामदास खेड़ा 11 बच्चों पर 1 शिक्षक 
  • - उच्च प्राथमिक विद्यालय गहरू 4 बच्चे 1 भी शिक्षक नहीं 
  • -प्राथमिक स्कूल औरंगाबाद 98 बच्चों पर 5 शिक्षक
  • -बेसिक स्कूल न्यू गुदौरा 34 बच्चों  पर दो शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल आशियाना 32 बच्चों पर दो शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल आजाद नगर 11 बच्चों पर दो शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल बल्दीखेड़ा में 67 बच्चों पर दो शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल मेंहदीखेड़ा में 18 बच्चों पर एक शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल प्रेमवती वार्ड 5 बच्चों पर एक भी शिक्षक नहीं 
  • -प्राथमिक स्कूल मिजापुर में 50 बच्चों पर तीन शिक्षक
जोन दो के स्कूलों की स्थिति
  • -प्राथमिक स्कूल सेमरा गौढी 148 बच्चों पर 5 शिक्षक                                                                                   
  • -प्राथमिक स्कूल शंकरपुरवा 180 बच्चों पर 1 शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल पुरनिया 86 बच्चों पर तीन शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल तकरोही 157 बच्चों पर एक भी शिक्षक नहीं 
  • -प्राथमिक स्कूल त्रिवेणी नगर 134 बच्चों पर 4 शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल पानी गांव 237 बच्चों पर 7 शिक्षक
जोन 3 के स्कूलों की स्थिति
  • -प्राथमिक स्कूल कंधारी बाजार 8 बच्चों पर दो शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल 35 पीएसी वाहिनी 281 बच्चों पर 7 शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल नरही 100 बच्चों पर तीन शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल गाजीपुर बस्तौली में 402 बच्चों पर 9 शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल घसियारी मंडी में 13 बच्चों पर एक शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल घोसियाना 54 बच्चों पर दो शिक्षक
  • -प्राथमिक जियामऊ 124 बच्चों पर 5 शिक्षक
  • -बेसिक स्कूल लाहौर गंज 35 बच्चों पर 4 शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल बाजार झऊलाल 27 बच्चों पर दो शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल चिक मंडी 53 बच्चों पर 3 शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल रेलवे कालोनी बादशाह नगर 65 बच्चो पर दो शिक्षक
राजधानी के जोन चार के स्कूलों की स्थिति
  • -प्रथमिक स्कूल पुलगामा में 48 बच्चों पर 4 शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल आर्यनगर में 71 बच्चों पर दो शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल हसनपुर 59 बच्चों पर 3 शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल यहियागंज में 27 बच्चों पर दो शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल पीरनगर 585 बच्चों पर दो शिक्षक
  • -प्राथमिक स्कूल बरी कला 18 बच्चों पर 1 शिक्षक
  • -प्राथमिक विद्यालय धनेहर खेड़ा 23 बच्चों पर 1 शिक्षक

कोट.............
"विद्यालयो में शिक्षकों और बच्चों का अनुपात सुधारने के लिए समायोजन की तैयारी हो रही है। जल्द ही प्रक्रिया शुरू हो जायेगी"
कंचन वर्मा शिक्षा महानिदेशक 

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