जसप्रीत बुमराह का मुरीद हूं, उसे अपने एक्शन में किसी बदलाव की जरूरत नहीं : कर्टली एम्ब्रोस

जसप्रीत बुमराह का मुरीद हूं, उसे अपने एक्शन में किसी बदलाव की जरूरत नहीं : कर्टली एम्ब्रोस

ब्रिजटाउन। वेस्टइंडीज के महान तेज गेंदबाज कर्टली एम्ब्रोस भारत के जसप्रीत बुमराह के प्रशंसक हैं और वह नहीं चाहते कि अपने गैर पारंपरिक गेंदबाजी एक्शन में बुमराह कोई भी बदलाव करे क्योंकि उनका मानना है कि हर तेज गेंदबाज चोटिल होने के जोखिम के साथ ही मैदान पर उतरता है । इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में शुमार बुमराह ने पिछले साल मार्च में कमर की तकलीफ के कारण सर्जरी कराई थी । लंबे रिहैबिलिटेशन (स्वास्थ्य लाभ) के बाद उन्होंने नवंबर में भारत में वनडे विश्व कप के जरिये वापसी की और तब से शानदार फॉर्म में हैं। 

एम्बरोज ने इंटरव्यू में कहा कि गंभीर चोट नहीं होने की दशा में बुमराह को अपने एक्शन में कोई बदलाव नहीं करना चाहिये। उन्होंने कहा, मैं जसप्रीत बुमराह का बड़ा प्रशंसक हूं । जब से मैने उसे पहली बार देखा है । वह गैर पारंपरिक गेंदबाज है लेकिन बेहद प्रभावी है और मुझे यही पसंद है। उसने भारत के लिये सभी प्रारूपों में अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, मैं कुछ साल पहले उससे मिला था जब भारतीय टीम एंटीगा में खेल रही थी। उसकी गेंदबाजी देखने में मजा आता है क्योंकि वह इतना अलग है। बुमराह के गेंदबाजी एक्शन से उनकी कमर पर काफी दबाव पड़ता है लेकिन एम्बरोज का मानना है कि हर तेज गेंदबाज को इस तरह के जोखिम से गुजरना पड़ता है। 

उन्होंने कहा, मेरा अनुभव यही है कि दो गेंदबाज कभी एक जैसे नहीं होते । गेंदबाजों में समानता हो सकती है लेकिन वे बिल्कुल एक से नहीं होते । सभी की शैली जुदा होती है । हर तेज गेंदबाज को चोटिल होने का खतरा रहता है और यह सभी को पता होता है। उन्होंने कहा, आपको अपना काम पूरी क्षमता के साथ करना होता है । फिर जो होगा, होगा । अगर उसे कोई गंभीर चोट लगती है तो ही उसे अपने एक्शन में बदलाव करना चाहिए। 

एम्बरोज ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काफी खेला जाने लगा है जिसका खेल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा, अब खेल का व्यवसायीकरण हो गया है। इतना ज्यादा क्रिकेट खेला जा रहा है । एक श्रृंखला के बाद दूसरी श्रृंखला और फ्रेंचाइजी क्रिकेट अलग। यह रोमांचक है लेकिन इतना ज्यादा क्रिकेट चिंता का विषय है। एम्बरोज ने सीमित ओवरों की क्रिकेट भी काफी खेली है लेकिन उनका मानना है कि लीजैंड टेस्ट क्रिकेट से ही निकलते हैं।

 उन्होंने कहा, मैंने हमेशा टेस्ट क्रिकेट को तरजीह दी है । मैने वनडे और चार दिवसीय क्रिकेट भी खेला है लेकिन मेरे लिये वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं है । टेस्ट क्रिकेट ही असली क्रिकेट है । अपने कैरियर के आखिर में आप लीजैंड तभी कहलायेंगे जब आपने टेस्ट क्रिकेट में अच्छा किया हो।

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