हल्द्वानी: कैदियों और बंदियों के उज्जवल भविष्य में बाधा बना सरकारी तंत्र
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हल्द्वानी, अमृत विचार। सरकार तो चाहती है कि जेल से निकलने से पहले बंदी और कैदी कुछ हुनर सीख कर जाएं। ताकि बाहर जाकर वह काम कर सकें, समाज के साथ मुख्य धारा में जुड़ सकें और अपना व परिवार का भविष्य भी उज्जवल कर सकें, लेकिन सरकारी तंत्र उज्जवल भविष्य के आड़े आ गया है।
दरअसल, हल्द्वानी उप कारागार में एक बेकरी शुरू होनी थी। इस बेकरी के जरिये कैदी व बंदियों को बेकरी उत्पाद बनाना सिखाना और उत्पादों की बिक्री कर जेल की आय बढ़ाना था। जेल प्रशासन इसके लिए कई महीने पहले से पूरी तैयारी करके बैठा। सरकार से भी सहमति मिल चुकी है, लेकिन सरकारी तंत्र इस नई शुरुआत के आड़े आ रहा है।
बेकरी का काम करीब पांच महीने पहले शुरू हुआ और मशीनें भी लगी दी गईं, लेकिन विद्युत मीटर का कनेक्शन न होने की वजह से बेकरी का काम ठप पड़ा है। ऊर्जा निगम मीटर लगाने के लिए तब टालमटोल कर रहा है, जब जेल प्रशासन 51 हजार रुपये मीटर फीस जमा कर चुका है। जेल अधीक्षक प्रमोद पांडेय का कहना है कि बेकरी के संचालन के लिए विद्युत कनेक्शन की जरूरत है, इसकी फीस भी विभाग को जमा करा दी गई है, लेकिन अभी तक कनेक्शन नहीं मिल पाया है।
सीसीटीवी लगाने में देरी कर रही कंपनी
जेल में बंद अपनों से मुलाकात करने के लिए हर रोज सैकड़ों लोग जेल आते हैं। अधिकांश लोग अपने वाहनों से आते हैं और वाहन जेल परिसर में ही खड़े कर देते हैं। हाल में मिलाई करने वाले कई लोगों के दो पहिया वाहन जेल परिसर से चोरी हो गए। चोरों ने कार का शीशा तोड़ कर भी घटना को अंजाम दिया। सुरक्षा मजबूत करने और चोरों की पहचान के लिए जेल प्रशासन ने करीब तीन माह पहले एक निजी कंपनी को आठ सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा। सीसीटीवी कैमरे जेल प्रशासन के पास हैं, लेकिन उन्हें लगाने के लिए कंपनी टाल-मटोल कर रही है।