रामपुर : मनरेगा मजदूरों के 32.79 लाख रुपये दबाए बैठी है सरकार, दिक्कतों का करना पड़ रहा सामना

चालू वित्त वर्ष में एक रुपये का भी नहीं हो सका भुगतान, सबसे ज्यादा मिलक क्षेत्र के मजदूरों का रुका हुआ है पैसा

रामपुर : मनरेगा मजदूरों के 32.79 लाख रुपये दबाए बैठी है सरकार, दिक्कतों का करना पड़ रहा सामना

स्वार ब्लॉक में तालाब की खोदाई करते मनरेगा मजदूर।

रामपुर, अमृत विचार। चालू वित्त वर्ष में मनरेगा मजदूरों के 32.79 लाख रुपये सरकार दबाए हुए है। मिलक क्षेत्र के मजदूरों का सबसे ज्यादा 12.37 लाख रुपये बकाया है। जेब में पैसा नहीं होने के कारण मजदूरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

अमृत सरोवर, गूल, नाले, चकरोड, तालाब और पौधरोपण के लिए गड्ढों की खोदाई होने से मनरेगा मजदूरों को मजदूरी तो खूब मिल रही है, लेकिन मजदूरी का पैसा नहीं मिलने से उन्हें आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मजदूरों का चालू वित्त वर्ष में 32.79 लाख रुपये सरकार पर बकाया है। मजदूर मजदूरी के पैसों की आस तक रहे हैं। लेकिन, खातों में पैसा नहीं आने से उन्हें मायूसी हो रही है। मनरेगा मजूदरों की गृहस्थी की गाड़ी मजदूरी से मिलने वाले पैसों से ही चलती है।

मनरेगा मजदूर बांके लाल का कहना है कि मजदूर की मजदूरी उसका पसीना सूखने से पहले मिल जानी चाहिए, तभी मजदूर को राहत मिलती है। मुस्तकीम बताते हैं कि दो माह से उनके खातों में पैसा नहीं आने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

तालाबों की खोदाई से डार्क जोन से बाहर आए चार ब्लॉक
गांवों में लोगों ने तालाबों पर कब्जे कर लिए गए थे। प्रशासन ने तालाबों को कब्जा मुक्त करा लिया है। कब्जा किए गए तालाबों को पाट देने से भू-गर्भ जल स्तर गिर गया था। इसके चलते जिले के चार ब्लॉक डार्क जोन में आ गए थे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर तालाबों को कब्जा मुक्त कराया गया। तालाबों पर मनरेगा मजदूरों द्वारा खोदाई कराई गई। इससे सैदनगर, चमरौआ, स्वार और शाहबाद ब्लॉक में भू गर्भ जल स्तर सामान्य हो गया। जिले में 343 तालाबों की खोदाई का कार्य होना अभी शेष है।

इन ब्लॉकों के मजदूरों का रुका है पैसा

  • ब्लॉक   - रुका हुआ धन
  • बिलासपुर  -  2.71 लाख रुपये
  • चमरौआ  -  5.83  लाख रुपये
  • मिलक   - 12.37 लाख रुपये
  • सैदनगर  -  1.47 लाख रुपये
  • शाहबाद   - 7.45  लाख रुपये
  • स्वार   - 2.97  लाख रुपये


विकास खंडों में श्रमिकों का 32.79 लाख रुपये का भुगतान किया जाना शेष है। श्रमिकों को कार्यक्रम अधिकारी द्वारा एफटीओ के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। मनरेगा मजदूर को 237 रुपये मजदूरी और एक वित्तीय वर्ष में 100 दिन काम की गारंटी दी जाती है। जिले में डेढ़ लाख कार्ड धारक मनरेगा मजदूर हैं।-इंद्रपाल सिंह, एपीओ, मनरेगा

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