जैकी श्रॉफ ने अपने नाम के अनधिकृत उपयोग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट का किया रुख
नई दिल्ली। अभिनेता जैकी श्रॉफ ने वाणिज्यिक लाभ के लिए कई संस्थाओं द्वारा बिना लाइसेंस के उनके नाम और व्यक्तिगत विशेषता का उपयोग किए जाने के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। अभिनेता की ओर से पेश अधिवक्ता ने उत्पाद की बिक्री, रिंगटोन, वॉलपेपर के साथ-साथ ‘अपमानजनक’ मीम और कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-एआई) के उपयोग के जरिए व्यक्तिगत और प्रचार अधिकारों के ‘‘दुरुपयोग’’ पर आपत्ति जताई।
उन्होंने मराठी में बोल-चाल की भाषा के शब्द ‘भिडू’ पर उनके ट्रेडमार्क अधिकारों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने मुकदमे पर संस्थाओं को समन जारी किया और आगे की सुनवाई के लिए मामले को बुधवार को सूचीबद्ध किया। श्रॉफ के अधिवक्ता ने कहा कि उत्पादों को खरीदने के लिए उपभोक्ताओं को गुमराह करने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती ताकि उन्हें लगे कि उत्पादों का समर्थन 200 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके अभिनेता द्वारा किया गया है।
अधिवक्ता ने कहा, ‘‘जैकी श्रॉफ काफी लोकप्रिय हैं। लोग सोचेंगे कि उनके द्वारा उत्पाद का समर्थन किया जा रहा। उनके नाम में यह योग्यता है कि किसी भी उत्पाद को बिक्री के लायक बना सके। उनकी सहमति के बिना ऐसा नहीं किया जा सकता।’’ अदालत को अवगत कराया गया कि श्रॉफ के अधिकारों का उल्लंघन करते हुए इंटरनेट पर मग, हस्ताक्षरित पोस्टर, बैग जैसे सामान बेचे जा रहे हैं। अधिवक्ता ने यह भी कहा कि मीम, छेड़छाड़ करके बनाई गई तस्वीर आदि के रूप में कुछ अपमानजनक और आपत्तिजनक सामग्री भी उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी उनके नाम, तस्वीर का उपयोग कर रहे हैं और मोटी कमाई कर रहे हैं। यह सब मानहानि करने वाली सामग्री है... उनकी आवाज वाले ऑडियो में अभद्र शब्द हैं। इसमें कुछ भी वैध नहीं है।’’ अधिवक्ता ने कहा कि कुछ प्रतिवादियों ने अब श्रॉफ की व्यक्तिगत विशेषता का अनधिकृत उपयोग बंद कर दिया है। श्रॉफ के अधिवक्ता ने अपने मामले के समर्थन में अभिनेता अमिताभ बच्चन और अनिल कपूर द्वारा इसी तरह के मुकदमों में उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का जिक्र किया।
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