पीलीभीत: गन्ना सर्वे में 114 टीमें जुटीं, 253 कर्मचारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी, 1208 गांवों में गन्ना रकवे का होगा सर्वे

पीलीभीत: गन्ना सर्वे में 114 टीमें जुटीं, 253 कर्मचारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी, 1208 गांवों में गन्ना रकवे का होगा सर्वे

पीलीभीत, अमृत विचार: चुनाव निपटने के साथ ही जिले में गन्ना सर्वे का कार्य तेजी से शुरू हो गया है। गन्ना सर्वेक्षण में पूरे जनपद में 114 टीमों को लगाया गया है। नई गन्ना सर्वेक्षण नीति के अनुसार इस बार केवल पौध गन्ने का सर्वे किया जाएगा, जबकि पेड़ी गन्ने का मात्र सत्यापन किया जाएगा। सर्वे 15 जून तक पूरा किया जाना है। जिला गन्ना अधिकारी समेत अन्य अधिकारियों किए जा रहे सर्वे का निरीक्षण भी शुरू कर दिया है। 

जनपद में हर साल करीब एक लाख हेक्टेयर के आसपास भूमि पर गन्ने की पैदावार की जाती है। इस बार भी बड़ी तादाद में किसानों ने गन्ने की फसल बोई है। शासन की ओर से नई गन्ना सर्वे नीति पूर्व में ही जारी की जा चुकी है। सर्वे नीति आने के बाद लोकसभा चुनाव से पूर्व ही कर्मचारियों का प्रशिक्षित कर गन्ना सर्वे का कार्य शुरू कराया गया था, लेकिन इसमें सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को सर्वे की जिम्मेदारी दी गई, जिनकी चुनाव में ड्यूटी नहीं लगी थी। 

इधर लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुका है। गन्ना विभाग गन्ने सर्वे को लेकर तेजी से जुट गया है। सर्वे नीति के अनुसार इस बार  इस वर्ष केवल पौधे गन्ने का सर्वे किया जा रहा हैं, जबकि पेड़ी गन्ने का केवल सत्यापन किया जाएगा। सभी ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षकों को जोन प्रभारी बनाया गया है। वहीं सभी चीनी मिलो के प्रधान प्रबंधक, महाप्रबंधक ( गन्ना ), मुख्य लेखाकार एवं मुख्य अभियंता भी अपने मिल क्षेत्र मे गन्ना सर्वे की जांच करेंगे।          

जिले को पांच जोन व 140 सर्किलों में बांटकर शुरू हुआ सर्वे
जिला गन्ना अधिकारी के मुताबिक गन्ना सर्वे के लिए 114 टीमें बनाई गई हैं। निर्धारित समय सीमा तक सर्वे कार्य पूरा करने के लिए 253 कर्मचारियों को लगाया गया है। इसमें 63 राजकीय गन्ना पर्यवेक्क्षक, 51 समिति कर्मचारी एवं 139 चीनी मिल के सर्वे कर्मचारी लगाए गए हैं। यह टीमें 1208 राजस्व गांवों के 2,27,629 किसानों के गन्ना रकवे का सर्वे करेगीं। सर्वे के लिए पूरे जनपद में 140 अस्थायी सर्किलें बनाई गई हैं।

जहां मिली थीं शिकायतें, उन गांवों के सर्वे जांच में बरती जाएगी सावधानी
गन्ना सर्वे के समय खेत उसी किसान के नाम अंकित किया जाएगा, जिसके नाम राजस्व अभिलेखों मे भूमि अंकित होगी। यदि किसी कारण से सर्वे मे किसी ऐसे किसान का नाम दर्ज हो जाता है, जिसके नाम से राजस्व अभिलेखों मे भूमि अंकित नही है, तो ऐसे किसानों का गन्ना सर्वे विधिमान्य नहीं होगा। वहीं जिन गांवों में पिछले पेराई सत्र में गन्ना सर्वे से संबधित अधिक शिकायतें प्राप्त हुई थीं, ऐसे गांवों की सूची तैयार कर 
सर्वे कार्यों की जांच विशेष सावधानी से की जाएगी।

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