लखनऊ: उपवास से पहले डायबिटीज के मरीजों को डॉक्टर से लेनी चाहिए सलाह, सैंधा नमक का ज्यादा इस्तेमाल करेगा नुकसान

लखनऊ: उपवास से पहले डायबिटीज के मरीजों को डॉक्टर से लेनी चाहिए सलाह, सैंधा नमक का ज्यादा इस्तेमाल करेगा नुकसान

लखनऊ, अमृत विचार। नवरात्र का उपवास एक तरह का कैलोरिक रिस्ट्रिकशन का कार्य है। यानी की इस दौरान कैलोरी की मात्रा पर नियंत्रण रखने का काम होता है। जो स्वास्थ्य के लिए बेहत ही महत्वपूर्ण होता है। यह कार्य मानसिक और शारीरिक डिटिक्सफिकेशन में सहायक हो सकता है। यह जानकारी रिसर्च सोसायटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया, यूपी चेप्टर के सिक्रेटरी डॉ. अजय तिवारी ने दी है।

डॉ. अजय के मुताबिक डायबिटीज से पीड़ित लोगों को उपवास से पहले डॉक्टर की सलाह लेना सबसे जरूरी है। डॉक्टर की सलाह पर डायटिशियन की तरफ से दी गई भोजन की जानकारी से किसी प्रकार की समस्या सामने नहीं आती है। उन्होंने बताया कि उपवास के दौरान एक साथ अधिक मात्रा में खाद्य पदार्थो को लेना ठीक नहीं है बल्कि जिन खाद्य पदार्थों यानी की फलाहार लेने की अनुमित व्रत में है उसको 3 घंटे के अंतराल में थोड़ी-थोड़ी मात्र में लेना चाहिए। वहीं उपवास के अंत में एक साथ अधिक मात्रा में  उच्च कार्बोहाइड्रेट, वसा, शर्करा और कैलोरी युक्त भोजन का प्रयोग रक्त में शक्कर के स्तर का उतार चढ़ाव का कारण बनता है। 

सलाह

उन्होंने बताया कि डायबिटीज के मरीजों को चीनी और उससे बने उत्पादों को सीमित मात्रा में प्रयोग करना चाहिए। तेलयुक्त खाद्य पदार्थों और आलू के चिप्स के सेवन से बचें । तले हुए और मीठे खाद्य पदार्थों से परहेज़ करें और उनके स्थान पर दूध और दूध से बने उत्पाद, फल, उबली हुई सब्जियाँ और कॉम्प्लेक्स साबुत अनाज का बार-बार सेवन करना ठीक रहता हैं। इसके अलावा उपवास के दौरान दवाएँ पहले की तरह जारी रखी जा सकती हैं। इस दौरान इन्सुलिन व दवाईयों को डोज डॉक्टर की सलाह पर लेनी चाहिए। इसके अलावा भोजन के ग्लाइसेमिक लोड को कम करने के लिए अच्छे वसा को शामिल करें। चीनी की  लालसा को खत्म करने और पूरे दिन अपने ऊर्जा स्तर को बनाए रखने के  लिए छाछ, दही, पनीर जैसे कम वसा वाले डेयरी प्रोटीन को लिया जा सकता है। उपवास के दौरान मधुमेह वाले लोगों के लिए मट्ठा, सब्जी रायता, लस्सी, छाछ, मेवे और बीज जैसे अलसी , चिया,एक उत्कृष्ट प्रोटीन स्रोत के रूप में शामिल किए जा सकते हैं।

अपने खाने से पहले सलाद खाएं ,ताकि खाने के बाद  शुगर लेवल को नियंत्रित रखा जा सके। कई रंग के फलों और सब्जियों को शामिल करने से प्लाज्मा कैरोटीनॉयड और विटामिन सी का स्तर बेहतर होता है, एंटीऑक्सिडेंट और फाइटो यौगिक  पदार्थ मिलते हैं। सलाद, फलों की चाट, सब्जियों के सूप लेना फायदेमंद होता है। रेडीमेड सूप मिक्स, फलों के जूस और चीनी से बनी चीज़ों से बचें। बाजार में प्रचारित तैलीय नवरात्र स्पेशल थाली से बचें, घर में कुट्टू और साबूदाने के व्यंजनों को बनाएं। अपने भोजन में कुट्टू की रोटी , साबुद दाना शामिल करें। अपने शरीर को हाइड्रेट रखें। हर भोजन के बाद 15 मिनट तक टहलने की कोशिश करें। सैंधा नमक का ज्यादा इस्तेमाल ब्लड प्रेशर व शूगर के मरीजों में नुकसान पहुंचा सकता है।

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