Bareilly News: पुरानी पेंशन...16 हजार कर्मचारियों का रुझान प्रभावित करेगा यह मुद्दा

Bareilly News: पुरानी पेंशन...16 हजार कर्मचारियों का रुझान प्रभावित करेगा यह मुद्दा

बरेली, अमृत विचार। नए वादों के चुनावी शोर में भी पुराने मुद्दों की गूंज बनी हुई है। कर्मचारियों के बीच पुरानी पेंशन स्कीम का मुद्दा भी बराबर सांसें ले रहा है। कर्मचारी संगठनों का दावा है कि इस चुनाव में यह मुद्दा जिले के 16 हजार कर्मचारियों का रुझान प्रभावित करेगा।

वर्ष 2004 के बाद सरकारी सेवा में आए कर्मचारियों को न्यू पेंशन स्कीम के दायरे में लाया गया है। जिले में ऐसे करीब 16 हजार कर्मचारी हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि इस स्कीम के तहत उन्हें नाममात्र की पेंशन मिल रही है जो रिटायरमेंट के बाद जीवनयापन के लिए नाकाफी है। इसीलिए वे पांच साल से न्यू पेंशन स्कीम का विरोध कर रहे हैं। इसके लिए कर्मचारियों के कई संगठन भी बनाए गए हैं। लगातार आंदोलन और विरोध प्रदर्शन भी किए गए हैं। अटेवा इन संगठनों में प्रमुख संगठन है।

राजनीतिक दल पुरानी पेंशन स्कीम की बात करेगा, अटेवा का हर सदस्य उसे ही वोट देगा। सांसद-विधायक खुद तो चार-चार पेंशन ले रहे हैं लेकिन कर्मचारी को पुरानी पेंशन देने के पक्षधर नहीं हैं। कर्मचारियों को अब बताने की जरूरत नहीं है कि उन्हें किसे वोट देना है। - जगदीश गंगवार, अटेवा के मंडल अध्यक्ष

शिक्षकों और कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन स्कीम के लिए कई बार काली पट्टी बांधकर विरोध जताया है। जब तक पेंशन बहाल नहीं होगी, अटेवा का संघर्ष जारी रहेगा। अटेवा के सदस्य और उनके परिवारों के लोग इस बार पुरानी पेंशन स्कीम के लिए ही वोट करेंगे। - डॉ. मुनीष कुमार गंगवार, अटेवा के जिला संयोजक

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