खनिजों की खोज

खनिजों की खोज

आर्थिक प्रभुत्व की दौड़ में शामिल भारत में एक नया खजाना खोज शुरू हो गई है। यह है महत्वपूर्ण खनिजों की खोज। 2017 के बाद से, ऊर्जा क्षेत्र की लिथियम की आवश्यकता तीन गुना हो गई है और कोबाल्ट और निकल की मांग में 70 प्रतिशत और 40 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। इंटरनेशनल एनर्जी एसोसिएशन (आईईए) ने 2030 तक मांग दोगुनी होने का अनुमान लगाया है। 

भारत के तीव्र आर्थिक विकास और महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों की पृष्ठभूमि में सोमवार से आयोजित किया जा रहा खनिज शिखर सम्मेलन उद्योग जगत के अग्रणी प्रतिनिधियों, स्टार्टअप, सरकारी अधिकारियों, वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और नीति विशेषज्ञों समेत भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों को एक साझा मंच प्रदान करेगा।

शिखर सम्मेलन में आठ प्रमुख खनिजों ग्लूकोनाइट (पोटाश), लिथियम-दुर्लभ पृथ्वी तत्व (लैटेराइट), क्रोमियम, प्लैटिनम समूह, ग्रेफाइट, ग्रेफाइट से जुड़े टंगस्टन, दुर्लभ पृथ्वी तत्व (आरई) और ग्रेफाइट से जुड़े वैनेडियम पर तकनीकी सत्र शामिल हैं। 

कहा जा सकता है कि स्मार्ट-फोन से लेकर लड़ाकू विमानों तक हर चीज के लिए आवश्यक माने जाने वाले ये खनिज प्रगति के छिपे हुए चालक बन गए हैं। जैसे-जैसे दुनिया स्वच्छ ऊर्जा और डिजिटल चमत्कारों द्वारा संचालित भविष्य की ओर बढ़ रही है, महत्वपूर्ण खनिजों की मांग बढ़ती गई है।  

खनिजों के महत्व को पहचानते हुए भारत ने 24 महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान की है और उन्हें अपनी सीमाओं के भीतर खनन के लिए एक ढांचा स्थापित किया है। लिथियम इसके केंद्र में है क्योंकि यह बैटरी-पावरहाउस खनिज इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति को बढ़ावा दे रहा है, जो भारत के जलवायु परिवर्तन शमन एजेंडे का एक महत्वपूर्ण घटक है। 

तांबा लिथियम, निकल, कोबाल्ट जैसे महत्वपूर्ण खनिज की पवन टरबाइन और बिजली नेटवर्क से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों तक मांग बढ़ रही है। केंद्र ने अभी तक 38 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की नीलामी शुरू की है और उसकी 100 से अधिक महत्वपूर्ण खनिजों की नीलामी की तैयारी है। खान सचिव वीएल कांथा राव ने सोमवार को कहा कि जून के अंत तक नीलामी के चौथे दौर में करीब 20 महत्वपूर्ण खनिज ब्लाक की नीलामी होगी। 

महत्वपूर्ण खनिज आत्मनिर्भरता के लिए भारत की खोज को संसाधन निष्कर्षण की वैश्विक भू-राजनीति से अलग नहीं किया जा सकता है। यह भारत की आर्थिक रणनीति में बदलाव का प्रतीक है, जो भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण खनिजों की शक्ति को पहचानता है। भारत द्वारा हाल ही में 20 महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की नीलामी का आकलन अकेली घटना के रूप में नहीं, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति के रूप में किया जाना चाहिए।

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