पीलीभीत: होली के बाद मौसम ने बदली करवट, मेडिकल कॉलेज में उमड़ी मरीजों की भीड़

पीलीभीत,अमृत विचार। मौसम का मिजाज बदलते ही अब बीमारियां लोगों को घेरने लगी हैं। होली निपटते ही मौसम गर्म होना शुरु हो गया। शनिवार को तापमान अधिकतम तापमान 34.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिन में गर्म और रात में हल्का ठंडा मौसम लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन रहा है।
इसके चलते सर्दी, जुकाम व बुखार के मरीज बढ़ना शुरु हो गए हैं। चिकित्सकों ने बदलते मौसम में सावधानी बरतने की सलाह दी है। खासकर शीतल पेय पदार्थों से दूरी बनानी होगी। मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में शनिवार सुबह से ही मरीजों की भीड़ लगी रही।
पर्चा बनवाने में डाक्टर कक्ष, दवा स्टोर और जांच सेंटर पर लंबी लाइनें दिखाई दी। मेडिकल कॉलेज में आमूमन ओपीडी एक हजार के आसपास रहती है। मगर होली के बाद बदले मौसम और रंग गुलाल खान पकवान के चलते मरीजों की संख्या बढ़ गई। शनिवार को ओपीडी में 1347 पर्चे बने।
सुबह नौ बजे से ही पर्चा काउंटर पर कतार लग गई। अधिकतर मरीज सर्दी, खांसी, बुखार, जुकान, पेट दर्द एवं डायरिया आदि के थे। कुछ होली पर खानपान तो अधिकांश बदलते मौसम का शिकार हो गए। मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. रमाकांत सागर ने बताया कि होली पर ज्यादातर तला भुना हुआ भोजन लोगों ने किया।
वहीं, कचरी, पापड़ और गुझिया भी खाए। ठंड में शरीर को ऊर्जा की जरूरत होती है। इसलिए ज्यादा भोजन भी पच जाता है। मगर जब तापमान अधिक होता है, तो शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत नहीं होता। पाचन क्रिया मंद होने से अपच, गैस की दिक्कत होती है।
डॉक्टरों के कक्ष के बाहर मरीजों की लाइन लगी रही। जहां मरीजों को एक-एक कर इलाज कर उन्हें दवा लिखी। दोपहर बाद तक दवा काउंटर और डॉक्टरों के कक्ष में मरीजों की भीड़ बनी रही।
रंगों के केमिकल से बिगड़ी त्वचा
बदलते मौसम के साथ जहां सर्दी, खांसी जुकाम के मरीज बढ़े हैं, तो वहीं होली में केमिकलयुक्त रंग गुलाल से होली खेलने की वजह से एलर्जी के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। शनिवार को भी कमरा नंबर 84 में त्वचा संबधी बीमारियों को लेकर मरीजों की लाइन लगी रही। किसी के चेहरे पर दाने निकलने की समस्या थी। तो कोई खुजली से परेशान था। चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि होली पर रंग खेलने से तमाम लोगों का चेहरा खराब हुआ है। लोगों ने रंग छुटाने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए और फेस को रगड़ दिया। जिसकी वजह से लोग एलर्जी के शिकार हुए हैं और दिक्कत हो रही है। उन्होंने बताया कि ओपीडी में 70 से अधिक मरीज त्वचा की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं।
आंखों में जलन और खुजली के भी मरीज
होली खेलते समय लोगों ने लापरवाही बरती और आंखों में दिक्कतें पैदा कर ली। मेडिकल कॉलेज में आंखों की परेशानी को लेकर मरीज पहुंच रहे हैं। जिसमें कोई होली में रंग खेलते समय आंख में रंग चला गया। जिससे किसी की आंक लात हो गई।
किसी की आंख फफद गई तो किसी के आंख में दर्द की समस्या को लेकर डॉक्टरों के पास पहुंचे। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरभि ने बताया कि रंग, गुलाल आंख में पहुंचने से दिक्कत होती है। इनमें केमिकल्स मिला होता है जो दिक्कत देता है। प्रतिदिन करीब 30 से 45 मरीज आ रहे हैं।
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