रामनगर: कार्बेट में मगरमच्छ-घड़ियाल तो बढ़े लेकिन ऊदबिलाव घटे

रामनगर: कार्बेट में मगरमच्छ-घड़ियाल तो बढ़े लेकिन ऊदबिलाव घटे

रामनर, अमृत विचार। कार्बेट नेशनल पार्क में बाघो की दहाड़, हाथियों की चिंघाड़, कुलाचे भरते हिरणों के झुंड देखकर कार्बेट का वन्य जीव संरक्षण के प्रति प्रयास खुद सामने दिखाई देता है। अब सीटीआर प्रशासन के वन्य जीव संरक्षण के दावे औऱ पुख्ता होते नजर आए जब कार्बेट  की नदियों में मगरमच्छ की संख्या 50 प्रतिशत तो घड़ियाल की संख्या में 80 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।  

मगर ऊदबिलाव की संख्या में गिरावट आना चिंता  का सबब भी जरूर सामने आया है। कार्बेट टाइगर रिजर्व की ताजा रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है।

बता दें कि कार्बेट टाइगर रिजर्व के रामनगर टाइगर रिजर्व, कालागढ़ टाइगर रिजर्व और लैन्सडौन की 12 रेंजों में इस माह 5 से 7 मार्च  तक तीन दिनी जलीय जीव गणना की गई थी। ग्रीष्मकालीन जलीय जीव गणना के लिए विभिन्न रेंजों के तहत नदी क्षेत्र एवं कालागढ़ बांध क्षेत्र चिन्हित किये गये थे,जबकि इसमें सीटीआर के समस्त नदी क्षेत्र, डूब क्षेत्र एवं कालागढ़ बांध क्षेत्र के विशाल परिदृश्य को सम्मिलित किया गया। इस कार्य में डाइरेक्ट साइटिंग मैथड (प्रत्यक्ष उपस्थिति प्रणाली) अपनाया गया, जिसमें मगरमच्छ, घडि़याल व ऊदबिलाव की गणना की गई। 

कार्बेट में जलीय जीव गणना के परिणाम 
जलीय जीव                वर्ष 2023     वर्ष 2024 
1. मगरमच्छ               129             197
2. घड़ियाल                102             183
3. ऊदबिलाव             183              161

अगली गणना में कैमरा ट्रैप्स का भी प्रयोग
सीटीआर के निदेशक डा. धीरज पांडे ने बताया कि इस गणना में ऊदबिलाव की संख्या में कमी आने का कारण प्रत्यक्ष रूप से इन्हें कम देखा जाना है। उन्होंने बताया कि ऊदबिलाव एकांतवासी होता है, कई बार प्रत्यक्ष गणना में दिखाई नहीं देता। आगामी गणना में इस दुर्लभ प्रजाति के संरक्षण हेतु जलीय क्षेत्रों के आस-पास कैमरा ट्रैप्स का उपयोग किया जायेगा, जिससे इनकी संख्या का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है