छात्रवृत्ति घोटाले का आरोपी कॉलेज प्रबंधक अमौसी एयरपोर्ट से गिरफ्तार, ईडी ने जारी किया था लुक आउट सर्कुलर

छात्रवृत्ति घोटाले का आरोपी  कॉलेज प्रबंधक अमौसी एयरपोर्ट से गिरफ्तार, ईडी ने जारी किया था लुक आउट सर्कुलर

लखनऊ, अमृत विचार। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने 100 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी कॉलेज प्रबंधक को शुक्रवार को अमौसी एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी शिवम गुप्ता हरदोई के डॉ. ओम प्रकाश गुप्ता इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी समेत तीन शैक्षिक संस्थानों का अध्यक्ष है। आरोपी के खिलाफ ईडी ने लुक आउट सर्कुलर जारी कर रखा था।

ईडी के प्रयागराज सब जोनल कार्यालय की टीम ने छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्तता के आरोप में पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की। शिवम अयोग्य छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति की रकम हजम करने के मामले का मुख्य आरोपी है। शिवम को ईडी ने कई समन जारी किए थे, लेकिन वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा था। इसके बाद ईडी ने उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया था।

सूत्रों के अनुसार, शिवम को चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट अथॉरिटी ने शुक्रवार को रोक लिया गया। उस समय वह दुबई जाने के लिए फ्लाइट पकड़ने जा रहा था। गिरफ्तार करने के बाद उसे पीएमएलए लखनऊ की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया। न्यायालय ने उसे सात दिनों के लिए ईडी की हिरासत में दे दिया।

ईडी ने छात्रवृत्ति घोटाले में पुलिस द्वारा हजरतगंज थाने में करीब एक साल पहले दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। ईडी की जांच में सामने आया कि विभिन्न संस्थानों के प्रबंधकों और ट्रस्टियों ने फर्जी छात्रों को प्रवेश दिलाया और सरकारी धन हड़प लिया। इसके लिए सरकारी पोर्टल पर छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया।

इस संबंध में सभी औपचारिकताएं संस्थानों द्वारा विभिन्न एजेंटों के माध्यम से स्वयं पूरी की गईं। छात्रवृत्ति को कॉलेजों के खातों में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद कई मालिकों, प्रबंधकों, ट्रस्टियों या परिवार के सदस्यों के व्यक्तिगत खातों में स्थानांतरित कर दिया गया। इस प्रकार लगभग 100 करोड़ से अधिक के सरकारी धन का गबन हुआ।

पांच आरोपी पहले हो चुके हैं गिरफ्तार

मामले में पांच आरोपियों अली अब्बास जाफरी, इजहार हुसैन जाफरी, रवि प्रकाश गुप्ता, विक्रम नाग और राम गोपाल को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। सभी गिरफ्तार आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। मामले में लगभग 10.35 करोड़ की चल-अचल संपत्ति अस्थाई तौर पर जब्त की जा चुकी है। साथ ही एक अभियोजन शिकायत और पांच आरोपियों के खिलाफ दो पूरक अभियोजन शिकायतें विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष दायर की जा चुकी हैं। इस मामले की जांच की जा रही है।