हल्द्वानी: एक जेल में होंगे बाप-बेटे, लेकिन मिल नहीं पाएंगे
दो मार्च को अब्दुल मलिक को जेल में दाखिल करेगी पुलिस

हल्द्वानी, अमृत विचार। बनभूलपुरा हिंसा के सभी उपद्रवी हल्द्वानी उपकारागार में है, लेकिन मलिक उन उपद्रवियों से अलग नैनीताल जेल ले जाया गया था। हालांकि मलिक पुलिस रिमांड पर है और वो दो फरवरी को वापस जेल में दाखिल किया जाएगा। इससे पहले उसके बेटे अब्दुल मोईद को भी नैनीताल जेल पहुंचा दिया गया, लेकिन एक जेल में रहने के बावजूद दोनों मिल नहीं पाएंगे।
बनभूलपुरा थाने के मुकदमे का आखिरी वांटेड अब्दुल मोईद सलाखों के पीछे पहुंच चुका है। मोईद को उसी नैनीताल जेल में भेजा गया है, जहां उसके पिता अब्दुल मलिक को ले जाया गया था। हालांकि अब्दुल मलिक 27 फरवरी से पुलिस की रिमांड पर है। एक फरवरी को उसकी रिमांड का आखिरी दिन है और 2 फरवरी को अब्दुल मलिक को दोबारा नैनीताल जेल में दाखिल किया जाएगा। मलिक के लिए जेल की बैरक नंबर एक तय है, जिसमें वो पहले भी रखा गया था।
बताया जा रहा है कि पिता-पुत्र एक ही जेल में होंगे, लेकिन दोनों के मिलने पर पाबंदी होगी। इसके पीछे हवाला दिया जा रहा है कि अगर दोनों को मिलने की इजाजत दी गई तो साझा रणनीति बना लेंगे और इससे पुलिस की जांच प्रभावित हो सकती है। पुलिस सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि मलिक को जेल में दाखिल करने के बाद पुलिस न्यायालय से मोईद की रिमांड मांग सकती है। इससे न तो दोनों का आमना-सामना होगा और पुलिस मलिक से किए सवालों को मोईद के सामने दोहरा कर जवाब को वेरीफाई कर पाएगी।