Pilibhit: संजीव कुमार हत्याकांड में दंपति को उम्रकैद की सजा, आठ साल पुराने मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला
पीलीभीत, अमृत विचार। आठ साल पुराने बहुचर्चित संजीव कुमार हत्याकांड में सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपी दंपति को दोषी पाते हुए सजा सुनाई। स्पेशल जज एससीएसटी एक्ट महेशानंद झा ने दंपति को उम्रकैद और प्रत्येक को 25 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है।
अभियोजन कथानक के अनुसार दियोरियाकलां कोतवाली में ग्राम जगतपुर रामनगर निवासी रामगोपाल पुत्र लीलाधर ने तहरीर देकर बताया था कि तीन सितंबर 2016 को उसका भाई संजीव कुमार (25) शाम छह बजे अचानक लापता हो गया। पहले तो परिजन समझे कि संजीव मजदूरी करने चला गया होगा। तीन दिन बाद छह सितंबर को शाम करीब छह बजे वादी खेतों से गुजर रहे थे।
तभी गांव के ही ताराचंद के मकान की तरफ गए तो वहां पर दुर्गंध महसूस हुई। इसके बाद अपने परिवार के सदस्यों व ग्रामीणों को बुला लिया। मकान के भीतर जाकर देखा तो संजीव का शव खपरैल के सहारे फंदे से लटका हुआ था। ताराचंद व उसकी पत्नी प्रेम कुमारी पर हत्या करने का आरोप लगाया। ये भी बताया था कि घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी ताराचंद परिवार संग घर से फरार है। पुलिस ने दंपति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की।
विवेचना के बाद आरोपी गांव जगतपुर रामनगर निवासी ताराचंद, उसकी पत्नी प्रेम कुमारी के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। दोनों पक्षों को सुनने और पत्रावली का परिशीलन करने के बाद विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट महेशानंद झा ने आरोपी दंपति को अनुसूचित जाति के युवक की हत्या करने का दोषी पाते हुए सजा सुनाई।
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