Barabanki News : बाहर से लाकर कोई छोड़ गया बंदर, ग्रामीण हलकान 

Barabanki News : बाहर से लाकर कोई छोड़ गया बंदर, ग्रामीण हलकान 

बाराबंकी, अमृत विचार : बाहर से कुछ लोग बंदरों को लाकर गनेशपुर इलाके में छोड़ गए हैं। पहले से ही पूरे क्षेत्र में चल रहे बंदरों के आतंक से परेशान ग्रामीणों का जीना दुश्वार हो गया है। सुबह के वक्त घंटों सड़कों पर बंदरों का कब्जा रहता है। पैदल और मोटरसाइकिल से निकलने वाले लोग खड़े रहते हैं, लेकिन इस समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है। पुराने और नए बंदरों के अलग-अलग गुटों में वर्चस्व को लेकर लड़ाई हो रही है। लोगों को बंदर काट रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो गया है।

उल्लेखनीय है कि रामनगर क्षेत्र के गनेशपुर, मीतपुर, सोहाई, महादेवा, गोबरहा, लोहटी, पसई, चौरसिया फॉर्म, कस्बा रामनगर और तपेसिपाह आदि गांवों में पिछले कई वर्षों से बंदरों का जबरदस्त आतंक फैला हुआ है। बंदरों के हमले से कई लोगों की जानें भी जा चुकीं हैं। करीब एक महीने पहले बाहर से लोग बंदरों को लाकर गनेशपुर और मीतपुर के आस-पास छोड़ गए हैं। यह नए बंदर दोनों गांवों में फैल गए हैं। लकड़मंडी चौराहे पर बंदरों की इतनी जबरदस्त संख्या है कि गिनती करवाना संभव नहीं है।

सुबह के वक्त सड़क पर घंटों यातायात बंद हो जाता हैं। बंदरों के आतंक से महिलाओं एवं बुजुर्गों ने मॉर्निंग वॉक करना बंद कर दिया है। बच्चे अकेले स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा बंदरों के आतंक की शिकायतें उच्च अधिकारियों से की जाती है, तो अधिकारी कहते हैं कि ग्राम प्रधानों को बंदरों को पकड़ने का अधिकार दिया गया है। लेकिन ग्राम प्रधानों के पास न संसाधन हैं और न कोई कोई बजट। ऐसी दशा में बंदरों के आतंक से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है।

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