बरेली: मास्टर प्लान में नहीं हुआ बदलाव...आवासीय कालोनियां बनने के साथ लगेंगे उद्योग, CM ने दिए निर्देश

बरेली: मास्टर प्लान में नहीं हुआ बदलाव...आवासीय कालोनियां बनने के साथ लगेंगे उद्योग, CM ने दिए निर्देश

बरेली, अमृत विचार: बरेली के मास्टर प्लान-2031 में कोई बदलाव नहीं हुआ है। लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर शनिवार को बरेली के मास्टर प्लान का वीसी बीडीए की मौजूदगी में प्रस्तुतीकरण हुआ। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे बिना बदलाव के शीघ्र लागू करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा कि गांवों की जमीन और आबादी की जमीन को ग्रीनलैंड न किया जाए। प्लान लागू होने के बाद आवासीय कॉलोनियां बनने के साथ उद्योग लगने शुरू होंगे।

मास्टर प्लान-2031 के लिए बीडीए के पास 1230 आपत्तियां आईं थी। उद्यमियों, सोसाइटी के लोग, व्यापार मंडल को बुलाकर अलग-अलग चरण में आपत्तियां सुनी गई थीं। पहले चरण में 250 लोगों को सुनवाई के लिए बुलाकर आपत्ति ली गई थीं। इसके बाद इसे मंजूरी के लिए शासन में भेजा गया था। तत्कालीन मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे ने मास्टर प्लान में कच्चे मार्ग को 30 मीटर वाले मार्ग प्रस्तावित करने का सुझाव दिया था। 

ज्यादातर मामले बड़ा बाईपास की तरफ ग्रीन बेल्ट घोषित क्षेत्र को बदलने को लेकर आए थे। यहां सड़क के दोनों ओर 100-100 मीटर की ग्रीन बेल्ट घोषित थी। उद्यमियों ने कहा था कि शहर में औद्योगिक क्षेत्र बचा नहीं है और सिथेंटिक फैक्ट्री को टेक्सटाइल पार्क में विकसित किया जा रहा है। सभी अफसर मुआयना भी कर गए हैं। 

मास्टर प्लान में भी यह क्षेत्र औद्योगिक घोषित है, अब इसके आसपास के क्षेत्र को भी औद्योगिक घोषित कर दिया जाए तो शहर में अच्छा औद्योगिक एरिया विकसित हो सकता है। इस सुझाव को शामिल किया गया था। मुख्यमंत्री के मास्टर प्लान में बदलाव नहीं करने के निर्देश के बाद यह क्षेत्र औद्योगिक क्षेत्र में आ जाएगा।

मास्टर प्लान से यह होगा लाभ
मास्टर प्लान में कोई बदलाव नहीं होने से सबसे बड़ा लाभ उद्यमियों को होगा। शहर में औद्योगिक क्षेत्र बढ़ गया है। अब शहर में औद्योगिक क्षेत्र, कृषि को आवासीय क्षेत्र और कई क्षेत्र हाईवे फैसिलिटी जोन में आ गए हैं। इससे रोजगार के अवसर खुलेंगे। एक्जीक्यूटिव क्लब, रामगंगा नगर योजना और अब्दुल्लापुर माफी होते हुए एयरपोर्ट के लिए नया वैकल्पिक मार्ग खुलेगा।

नाथ कॉरिडोर में टीडीआर पॉलिसी लागू हो गई है। इससे नाथ कॉरीडोर की सड़क के किनारे आने वाले भवन मालिक अपने भवन की मंजिलों में विस्तार कर सकेंगे। वह कंपाउन्डिंग की श्रेणी में नहीं आएंगी। बुखारा रोड पहले कृषि में था अब यह आवासीय हो गया है। ग्रीनबेल्ट में कोई बदलाव करने से मना कर दिया गया है। इससे बड़ा बाईपास पर 30 मीटर की ग्रीन बेल्ट की मांग मंजूर कर ली गई है। पहले यहां सड़क के दोनों ओर 100-100 मीटर ग्रीन बेल्ट थी।

शाहजहांपुर रोड और झुमका तिराहे से टेक्सटाइल पार्क वाला क्षेत्र भी औद्योगिक घोषित हुआ है। इन्वर्टीज के आगे और नैनीताल रोड पर एजुकेशनल हब का क्लस्टर घोषित हुआ है। बीसलपुर रोड नेशनल हाईवे फैसिलिटी जोन में आ गई है। इसमें कई सुविधाएं मिलेगी। हाईवे के किनारे होटल रेस्टोरेंट आदि खुल सकेंगे। पहले यह सुविधा लेने के लिए बोर्ड बैठक में प्रस्ताव आते थे।

लंबित योजनाएं चढ़ेगी परवान
बीडीए वीसी मानिकनंदन ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मास्टर प्लान को बेहतर बताया है। इसके बाद अब बरेली में लंबित योजनाएं परवान चढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान में कई जगह आवासीय घोषित हो जाएंगी। इससे बिल्डर आसानी से अपनी आवासीय योजनाओं को पूरा कर सकेंगे। अभी भू उपयोग बदलने में काफी समय लगता था।अब उद्यमियों को औद्योगिक क्षेत्र में आसानी से भूमि मिल सकेगी। 

उन्होंने बताया कि मास्टर प्लान लागू होने के बाद बरेली में रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। वीसी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कि सभी नदी और जलाशयों के कैचमेंट एरिया के संरक्षण के सुनियोजित प्रयास और ग्रीन लैंड के व्यवस्थित इंतजाम करने के साथ साथ स्थानीय शिल्पकला और परंपरागत उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए क्लस्टर विकसित करने को भी कहा है। बरेली में इसकी संभावनाएं हैं। इसका पालन कराया जाएगा।

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