Pakistan Election : नौ मई जैसे दंगों की पुनरावृत्ति से बचना है तो पीटीआई को रोके सरकार, मलिक अहमद खान का बयान

लाहौर। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता मलिक अहमद खान ने रविवार को कहा कि इससे पहले कि देश में नौ मई जैसी एक और घटना (दंगे) हो, सरकार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को रोक देना चाहिए। मलिक ने ये टिप्पणियां रावलपिंडी के पूर्व आयुक्त लियाकत अली चट्ठा की ओर से अपनी निगरानी में धांधली स्वीकार करने और पद से इस्तीफा देने के ठीक एक दिन बाद की हैं। दूसरी ओर, पीटीआई और अन्य दल आठ फरवरी के चुनावों में कथित धांधली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और पूर्व सत्तारूढ़ दल का दावा है कि उसका जनादेश चोरी कर लिया गया है।
'पीटीआई ने देश और सेना के खिलाफ साजिश रची'
मलिक ने लाहौर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, पाकिस्तान में एक और नौ मई घटित होगा। उन्हें (पीटीआई) को रोका जाना चाहिए, अन्यथा वे पाकिस्तान को बहुत नुकसान पहुंचाएंगे। मेरी याददाश्त में नौ मई जैसी भयावह कोई घटना नहीं है। उनके साथ पीएमएल-एन नेता अजमा बुखारी और अताउल्लाह तरार भी मौजूद थे। पीएमएल-एन नेता ने घटना को याद करते हुए कहा कि इमरान खान द्वारा स्थापित पीटीआई ने देश और सेना के खिलाफ साजिश रची। उन्होंने नौ मई की घटना से कोई सबक नहीं सीखा है।
पीटीआई ने शुरू किया एक और ‘डरावना’ अभियान
मलिक ने कहा कि पीटीआई के अकाउंट से एक अभियान चलाया जा रहा है, यह दुष्प्रचार बिना वजह नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा, यह उसी साजिश की अगली कड़ी है जो हम पहले भी देखते रहे हैं। मलिक ने कहा कि पीटीआई ने सोशल मीडिया पर विभिन्न जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीआरओ) और उनके बच्चों की तस्वीरें अपलोड करके एक और ‘डरावना’ अभियान शुरू किया है। उन्होंने दावा किया, ये लोग अपना अराजक व्यवहार बिल्कुल भी बंद नहीं कर रहे हैं।” पीएमएल-एन नेता ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री और पंजाब के मुख्यमंत्री से इस संबंध में अपनी भूमिका निभाने का आह्वान करते हुए कहा, वे अब सरकारी कर्मचारियों को धमकी दे रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी, यह नौ मई के दंगों की पुनरावृत्ति है। यह दावा करते हुए कि डीआरओ के परिवारों की तस्वीरों का इस्तेमाल नफरत फैलाने के लिए किया जा रहा है, मलिक ने चट्ठा से अपने आरोपों के समर्थन में प्रासंगिक सबूत सामने लाने का आह्वान किया।
'आयुक्त का चुनावी प्रक्रिया और चुनाव परिणामों से कोई लेना-देना नहीं'
चुनावों और पीटीआई द्वारा लगाये गये आरोपों के बारे में मलिक ने कहा कि पीटीआई का अपनी हार स्वीकार न करने का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि रावलपिंडी के पूर्व आयुक्त का चुनावी प्रक्रिया और चुनाव परिणामों से कोई लेना-देना नहीं है। मलिक ने कहा, आयुक्त न तो डीआरओ हैं और न ही उनके पास पाकिस्तान चुनाव आयोग में कोई पद है। डीआरओ और रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) ईसीपी के अधीन हैं।” मलिक ने कहा कि आयुक्त के पास अगर कोई सबूत होता तो दिखाते, उन्होंने बिना सबूत के बात की।