पीलीभीत: कैसे होगा गोवंश का उद्धार?, चार माह से नहीं मिली प्रोत्साहन राशि
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पीलीभीत, अमृत विचार: गोशालाओं से पशु गोद लेने वाले गोपालकों का पिछले चार माह से भुगतान नहीं हो सका है। शासन ने इस पॉलिसी में बदलाव करते हुए ऑनलाइन सत्यापन कर रिपोर्ट भेजने के बाद ही धनराशि आवंटित जारी करने का आदेश दिया था, जोकि जनपद में अमल नहीं कराया जा सका है। गोपालकों को ऐसे में परेशानी हो रही है।
गोपालन के प्रति रुचि पैदा करने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना शुरुआत की गई थी। जिसके अंतर्गत पशुपालकों को गोशालाओं से गाय दान लेने का प्रावधान सुनिश्चित किया गया। जिसके लिए गोपालकों को प्रति गाय प्रतिदिन 30 रुपये का भुगतान करने का प्रावधान था। जिसे बीते साल 50 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया था। इसके बाद भी जिले में योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है।
आलम यह है कि सरकार की ओर से भारी भरकम बजट देने के बाद भी गोवंश पशुओं की दुर्दशा बनी हुई है। दो दिन पूर्व ही एक गौशाला में पशुओं को पौष्टिक आहार न मिलने की वजह से जान गंवानी पड़ी थी। इस मामले में प्रशासनिक अफसरों ने सचिव को निलंबित और प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उधर, जिले में गोपालकों को मिलने वाली भरण पोषण धनराशि भी नहीं मिल पा रही है।
जनपद में कुल 1758 गोपालक है। जिन्होंने पशु पालन को लिए हुए हैं। इन्हें अक्टूबर 2023 से अभी तक धनराशि नहीं मिली है। बताते हैं कि अक्टूबर से बढ़ाई गई धनराशि पाने के लिए संबधित गोपालकों को लेखपाल और सचिव से ऑनलाइन सत्यापन कराना होगा। अन्यथा भुगतान नहीं किया जाएगा। इसको लेकर सभी सचिव और लेखपालों को निर्देश दिए गए थे।
मगर लापरवाही के चलते यह प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। इस प्रक्रिया के तहत गोपालक का पशु के साथ टैग दिखाते हुए साइट पर फोटो अपलोड भी होना है। जिसके बाद ही लाभार्थी के खाते में धनराशि भेजी जाएगी। मगर सचिव और लेखपाल इस प्रक्रिया पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिस वजह से शासन ने सभी का भुगतान रोका है।
शासन ने नियम में फेरबदल किया गया है। अब फोटोयुक्त सत्यापन के बाद ही धनराशि भेजी जा रही है। इसलिए थोड़ी दिक्कत आ रही है। हालांकि 1100 लाभार्थियों का सत्यापन करा दिया गया है। जिसकी सूचना पोर्टल पर अपलोड कर दी गई है। जल्द ही सभी का भुगतान हो जाएगा--- डॉ. अरविंद कुमार, पशु चिकित्साधिकारी।
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