पीलीभीत: गोआश्रय में भरपूर भूसा और चोकर, फिर भी कमजोरी से गोवंश ने गंवाई जान, डीएम ने दिए निर्देश 

पीलीभीत: गोआश्रय में भरपूर भूसा और चोकर, फिर भी कमजोरी से गोवंश ने गंवाई जान, डीएम ने दिए निर्देश 

पीलीभीत, अमृत विचार: खाईखेड़ा गोशाला में मरने वाले पशुओं की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। गोवंशीय पशुओं की मौत कमजोरी की वजह से हुई है।  

ऐसे में उनके भूख से मौत होने की ओर इशारा है। जबकि अधिकारियों की मानें तो संबंधित गोशाला में भूसे और  चेाकर का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। इतना जरुर हरे चारे की व्यवस्था निल है। फिलहाल इन मौतों के बाद जिला प्रशासन जांच में जुट गया है। सचिव के निलंबन के बाद ग्राम प्रधान पर भी शिकंजा कसा जा रहा है। उसे भी नोटिस जारी किया जा रहा है।

घटना मरौरी ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम मखाईखेड़ा की है। गोआश्रय स्थल पर गोवंशीय पशुओं की मौत की जानकारी मिलने पर रविवार को हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष यशवंत सिंह की अगुवाई में पहुंचे थे और हंगामा किया था। गोआश्रय स्थल पर कुछ गोवंशीय पशु मृत हालत में मिले थे। जबकि कुछ बीमार थे। 

इसकी सूचना मिलने पर सीडीओ धर्मेंद्र प्रताप सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व ऋतु पूनिया, सीवीओ डॉ.अरविंद कुमार मौके पर पहुंच गए थे। शुरुआती तौर पर लापरवाही पाते हुए ग्राम पंचायत अधिकारी नेहा को निलंबित कर दिया गया था। दूसरे दिन भी  गोवंशीय पशुओं की मौत को लेकर प्रशासनिक अमले में खलबली मची रही। 

अफसर प्रकरण की हकीकत पता करने में जुटे पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पशुओं की मौत कमजोरी की वजह से होना बताई गई है। अधिकारियों का कहना है कि गोआश्रय स्थल में पर्याप्त भूसा और चोकर का स्टॉक है। हालांकि हरे चारे को लेकर लापरवाही भी सामने आई है। जिसे लेकर अब संबंधित ग्राम प्रधान की लापरवाही भी उजागर हुई है। ऐसे में अब प्रधान को भी नोटिस भेजने की तैयारी कर ली गई है।  

डीएम पहुंचे खाईखेड़ा, निरीक्षण कर परखे हालात
पांच गोवंशीय पशुओं की मौत की घटना सामने आने के बाद दूसरे दिन सोमवार दोपहर डीएम संजय कुमार सिंह खाईखेड़ा गोआश्रय स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे। परिसर का भ्रमण कर साफ सफाई व्यवस्था के साथ ही खानपान व इलाज की व्यवस्था को परखा। निराश्रित पशुओं के लिए भूसा, पीने योग्य पानी, हरा चारा, साफ-सफाई व्यवस्था आदि समस्त व्यवस्थाओं को लेकर बारीकी से जानकारी की गई। 

बीडीओ मरौरी मृदुला सिंह को निर्देश दिए कि पशु चिकित्सक के द्वारा गौवंशों की नियमित देखरेख कराना सुनिश्चित करें। भूसे की उपलब्धता के सम्बन्ध में जानकारी की। जिसमें बीडीओ ने बताया कि गोशाला में गोवंशीय पशुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में भूसा उपलब्ध है। साथ ही गौशाला की साफ-सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। इस मौके पर एडीएम वित्त एवं राजस्व ऋतु पुनिया भी मौजूद रहे।

ग्राम प्रधान पहले भी फंस चुके भूसा चोरी में
बता दें कि खाईखेड़ा की गोशाला पिछले साल भी चर्चित रही थी। उस वक्त मामला पशुओं की मौत से जुड़ा तो नहीं था लेकिन ग्राम प्रधान ओमप्रकाश पर गोशाला में गोवंशीय पशुओं के लिए लाए गए भूसे की चोरी का आरोप लगा था।

न्यूरिया थाने में एफआईआर दर्ज करते हुए जेल भेजा गया था। इसके अलावा प्रशासनिक स्तर पर जांच हुई थी। गोआश्रय स्थल पर जब भूसे के स्टॉक का सत्यापन कराया गया था तो वह भी कम निकला था। प्रशासनिक अफसरों ने प्रधान के वित्तीय अधिकार सीज कर दिए थे। हालांकि बाद में ग्राम प्रधान की गई कार्रवाई के खिलाफ न्यायालय की शरण में चला गया था।

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