पीलीभीत: चहेतों को लाभ दिलाने से पहले ही खुल गया खेल, एडी हेल्थ ने भी स्वीकारा भवन चयन प्रक्रिया में हुई गलती, स्वास्थ्य विभाग में मची खलबली

पीलीभीत: चहेतों को लाभ दिलाने से पहले ही खुल गया खेल, एडी हेल्थ ने भी स्वीकारा भवन चयन प्रक्रिया में हुई गलती, स्वास्थ्य विभाग में मची खलबली

पीलीभीत, अमृत विचार। एनआरएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) की ओर से मलिन बस्तियों में खोले जाने वाले हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए किराए के भवन का चयन शासन के नियमों के विरुद्ध हुआ। इस बात को स्वास्थ्य विभाग की ऐडी हेल्थ बरेली मंडल डॉ. पुष्पा पंत ने भी स्वीकार किया है। 

उनका कहना है कि चयन समिति ने नियम विरुद्ध तरीके से भवन किराये पर लेने की विज्ञप्ति प्रकाशित कराई है। चयन वार्ड के आधार पर होना था, लेकिन विज्ञप्ति में मोहल्लों के आधार पर किया गया है। ऐसे में सीडीओ के बाद अब ऐडी हेल्थ बरेली ने सीएमओ, चयन समिति और एनआरएचएम के डायरेक्टर को पत्र भेजा है। माना जा रहा है कि अब दोबारा से इसका चयन कराया जाएगा।  

दो दिन पूर्व शहर के रहने वाले  सिविल लाइन साउथ निवासी पंकज कुमार ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजा था। जिसमें बताया था कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से नगरीय क्षेत्रों में अर्बन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की क्रियाशीलता के लिए किराये पर भवन की प्रक्रिया चल रही है। जिसमें जिला स्वास्थ्य समिति को गुमराह कर फाइल पर अनुमोदन कराकर किराए के भवन के लिए विज्ञप्ति प्रकाशित कराई गई थी। 

विज्ञप्ति में मोहल्ले के आधार पर किराये के भवन का चयन किया जा रहा है। जबकि शासनादेश के अनुसार नगरपालिका के वार्ड के अनुसार होना था। मगर चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए अफसरों ने मोहल्लों के आधार पर करते हुए विज्ञप्ति प्रकाशित करा दी है। मामला शासन तक पहुंचने के बाद सीडीओ धर्मेंद्र प्रताप सिंह की ओर से तीन दिन के भीतर इस प्रकरण में फाइल के साथ जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। 

इधर, अब इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की एडी हेल्थ बरेली मंडल ने डॉ. पुष्पा पंत ने भी पड़ताल कराई। जिसमें अनिमिताएं सामने आई है। एडी हेल्थ का कहना है कि चयन समिति ने वार्ड नहीं बल्कि मोहल्ले के आधार पर इसका चयन किया है, जोकि गलत है। इसको लेकर डीएम, सीएमओ और एनआरएचएम के डायरेक्टर को पत्र भेजा है।  मामले की जानकारी मिलने पर इसे चेक कराया गया था। हमेशा वार्ड के आधार पर चयन प्रक्रिया होती है। 

1100 वर्गफुट के चयनित होने थे तीन भवन
मलिन बस्तियों में तीन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर प्रस्तावित किए गए थे। जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से किराए पर 1100 वर्ग फुट के आवास लिए जाने थे। जारी की गई विज्ञप्ति के अनुसार ओपीडी रुम के लिए 100 वर्गफुट, औषधि भंडार के लिए 80 वर्ग फुट, टीकाकरण व काउंसलिंग के लिए 80 वर्ग फुट, स्टाफ नर्स कक्ष 100 वर्ग फुट, वेटिंग रुम/पंजीकरण कक्ष के लिए 210 वर्गफुट, शौचालय 60 वर्गफुट, वेलनेस कक्ष 250 वर्ग फुट, डे केयर रुम 220 वर्ग फुट होना नियत किया गया था।  इसका किराया संबंधित स्थान के सर्किल रेट के आधार पर तय किया जाना था। जोकि करीब 45-50 हजार प्रतिमाह के आसपास माना जा रहा है।

सीएमओ के ड्राइवर और एक अन्य स्वास्थ्यकर्मी ने भी किया आवेदन
इस मामले में एक शिकायत धीरेंद्र सिंह की ओर से सीएमओ को भी की गई है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को लेकर की जा रही धांधली में चहेतों को लाभ दिया जाना था। इसके लिए  सीएमओ के चालक और  एनआरएचएम से जुड़े एक स्वास्थ्यकर्मी ने भी आवेदन किया था। ये भी आरोप लगाया कि चालक ने जिस भवन को लेकर आवेदन किया गया है। वह तालाब पाटकर बनाया गया है। इसकी जांच कराने की मांग की थी।

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