पीलीभीत: बालिका दिवस पर 16 परिवारों में जन्मीं कन्याएं, भेंट किए गए उपहार

पीलीभीत: बालिका दिवस पर 16 परिवारों में जन्मीं कन्याएं, भेंट किए गए उपहार

पीलीभीत/ पूरनपुर, अमृत विचार। एक आंखों के पास है तो एक आंखों से दूर, बेटे हीरा होते हैं तो बेटियां कोहिनूर’ नवाज देवबंदी का यह शेर बुधवार को राष्ट्रीय बालिका  दिवस पर सरकारी अस्पतालों में दिखाई दिया। बालिका दिवस पर सरकारी अस्पतालों में 16 कन्याओं ने  जन्म लिया। नवजात बेटियों को गोद में लिए माता-पिता शायद यही भाव महसूस कर रहे थे। जब उनके कोहिनूर के जन्म को उत्सव जैसा माहौल मिला। सभी के चेहरे खिले हुए दिखाई दिए। कई जगह केक काटकर उत्सव भी मनाया गया। तो कहीं नवजातों को गर्म कपड़े भी भेंट किए गए।  

जिले में  राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बुधवार को सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराए गए। जहां मेडिकल कॉलेज में कुल आठ प्रसव हुए। जिनमें  पांच गर्भवतियों को बेटियां पैदा हुई। बेटियों को देखकर परिवार भावुक हो उठा। परिवार वालों ने कहा कि उनके घर साक्षात लक्ष्मी आई है। इस पर परिवार वालों ने मिठाई भी बांटी। वहीं अन्य सरकारी कर्मचारियों ने बेटियों को उपहार भी भेंट किए। इसी क्रम में सीएचसी पूरनपुर में भी पांच कन्याओं का जन्म हुआ।

जहां सीएचसी प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. अनिकेत गंगवार ने नवजात बच्चियों को गर्म कपड़े उपहार स्वरूप दिए। विद्यालयों से पहुंची छात्राओं को शिक्षा को लेकर जागरूक कर उपहार दिए गए। इसके अलावा पब्लिक इंटर कॉलेज की छात्राओं को भी उपहार दिए गए।

डॉ.अनिकेत गंगवार ने छात्राओं को जागरूक करते हुए कहा कि वर्तमान में बेटियां किसी से काम नहीं है। वह पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। शिक्षा के दम पर बालिकाएं देश की विभिन्न सेवाओं में जा सकती हैं।  माता-पिता को बेटों के साथ ही बेटियों को भी उच्च शिक्षा दिलानी चाहिए। बेटे ही नहीं आज के दौर में बेटियां भी अपने माता-पिता का नाम रोशन कर रही हैं।

इधर, सीएचसी अमरिया में कुल चार प्रसव हुए। जहां एक बेटी का जन्म  हुआ। बिलसंडा में पांच प्रसव हुए। जिनमें दो बेटियां जन्मी। बीसलपुर मे दो बेटियों का  जन्म हुआ। जहानाबाद सीएचसी में दो प्रसव हुए, जिनमें एक पुत्री का जन्म हुआ।  इस मौके पर बालिकाओं को बढ़ावा देने के लिए अभिभावकों को जागरूक भी किया गया।

सीएमओ डॉ. आलोक कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय बालिका दिवस पर अस्पतालों में प्रसव के दौरान बेटियों का जन्म हुआ है। यह सौभाग्य की बात है। कई घरों में लक्ष्मी स्वरूप बेटियों ने जन्म लिया है। बेटियां आज के युग में किसी से कम नहीं है। इसलिए उनका पालन पोषण उसी तरह करें।

ये भी पढ़ें- पीलीभीत: पहली बार मताधिकार का प्रयोग करेंगे तराई के 20515 युवा