बदायू्ं: आरोपी पीसी शर्मा की जमानत पांचवीं बार खारिज

बदायूं, अमृत विचार। उझानी मार्ग पर 23 मई 2016 को प्रभारी डीजीसी साधना शर्मा की गाड़ी से कुचलकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने विवेचना की। जिसमें पीसी शर्मा, उसकी पत्नी कमलेश शर्मा, उसके साले गिरीश मिश्रा समेत 11 लोगों के नाम सामने आए थे।
जिनका विचारण बदायूं कोर्ट में चल रहा है। वादिनी विपर्णा गौड़ ने बताया कि 6 मार्च 2020 को उच्च न्यायालय में आरोपी पीसी शर्मा के विरुद्ध बेल कैंसिलेशन के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया। जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने बेल खारिज कर दी थी।
जिसके बाद पीसी शर्मा सुप्रीम कोर्ट की शरण में गया। वहां भी उसकी जमानत खारिज हुई थी। जिसके बाद पीसी शर्मा ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए दोबारा प्रार्थना पत्र दिया। जस्टिस सिद्धार्थ ने एक नवंबर 2022 को भी जमानत खारिज कर दी थी।
जमानत के लिए उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की जो फिर से खारिज हो गई। आरोपी पीसी शर्मा ने उच्च न्यायालय में पांचवीं बार याचिका दाखिल की जो जस्टिस सिद्धार्थ ने दोबारा यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वादिनी द्वारा बताए अनुसार आरोपी ट्रायल में सहयोग नहीं कर रहा है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी आरोपी पीसी शर्मा को यह अधिकार नहीं दिया गया है कि वह नए जमानत प्रार्थना पत्र को उच्च न्यायालय में दाखिल करे।
वह 2 सितंबर 2020 से जेल में है। उसके अब तक के पुराचरण के कारण पांच जेलों में ट्रांसफर किया जा चुका है। पीसी शर्मा को बदायूं से शाहजहांपुर, फिर लखीमपुर खीरी, सीतापुर और फिर बहराइच जेल भेजा गया है।
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