बदायूं: बेसिक के स्टैनो पर आय से अधिक संपत्ति, तीन सदस्यीय कमेटी करेगी जांच

बदायूं, अमृत विचार: बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक लेखा अधिकारी के स्टैनो पद पर कार्यरत संविदा कर्मचारी पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगा है। 25 साल से कार्यरत स्टैनो नियमित कर्मचारी की तरह मानदेय भी ले रहे हैं। आरोपों को गंभीरता से लेते हुए संयुक्त शिक्षा निदेशक ने जांच शुरू कर दी है। इसके लिए उन्होंने डायट प्राचार्य के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी की ओर से शिकायत के संबंध में स्टैनो को नोटिस जारी किया है।
ब्लॉक सालारपुर के गांव देहमी निवासी कृष्ण कुमार सिंह पुत्र हुलासी सिंह ने संयुक्त शिक्षा निदेशक को शपथ पत्र के साथ शिकायती पत्र भेजा है, जिसमें सहायक लेखा अधिकारी के स्टैनो पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सपा सरकार के शासन में लाभ उठाते हुए संविदा पर कार्यरत सहायक लेखा अधिकारी के स्टैनो ने कूट रचित तरीके से यह पद हासिल किया। रसूख का इस्तेमाल करते हुए सत्तापक्ष के नेताओं से संपर्क बना कर हर साल अपनी सेवा का विस्तार कराता आ रहा है।
साथ ही वह मोटा वेतन अर्जित कर रहा है, जबकि शासन से आदेश है कि संविदा पर कार्यरत कर्मचारी को 20 हजार से अधिक मानदेय नहीं दिया जा सकता। यदि मानदेय से कर्मचारी संतुष्ट नहीं है तो उसकी संविदा समाप्त कर दी जाए। इसके बावजूद उक्त स्टैनो का मानदेय हर वर्ष बढ़ाया जाता रहा है और वर्तमान में उसे नियमित कर्मचारी की तरह मानदेय मिल रहा है।
भ्रष्टाचार की नीति अपनाते हुए उक्त स्टैनो ने अकूत संपत्ति एकत्रित कर ली है। आरोप है कि शिक्षा विभाग में रहते हुए उसने अपने सगे भाई, बहन, बहनोई, साली सहित अन्य रिश्तेदारों को फर्जी अभिलेखों के सहारे शिक्षामित्र, अनुदेशक और कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूलों में नियुक्त करवा लिया। आरोप है कि उक्त स्टैनो के पास कई मकान, प्लॉट, दुकान, खेत और कई गाड़ियां स्वयं और अपने रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी गई हैं।
कम आय में इतनी संपत्ति होने पर शिकायतकर्ता ने जांच के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक से मांग की, जिसे गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी गई। डायट प्राचार्य के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर जांच करने के आदेश दिए गए हैं। जांच कमेटी ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
वर्ष 1997-98 में डीपीईपी पद पर हुई थी तैनाती
शिकायतकर्ता का कहना है कि सहायक लेखा अधिकारी के स्टैनो पद पर कार्यरत कर्मचारी की नियुक्ति संविदा पर वर्ष 1997-98 के दौरान उस समय सृजित डीपीईपी पद पर हुई थी। इस पद पर कर्मचारी ने अपने पिता, जो बीएसए कार्यालय में प्रधान सहायक पद पर कार्यरत थे, की सहायता से यह पद हासिल किया था।
वर्ष 2003 में सपा शासनकाल के दौरान गलत तरीके से सहायक लेखा अधिकारी के स्टैनो पद पर नियुक्ति कर ली। तब से अब तक उनकी सेवा में विस्तार होता आ रहा है, साथ ही मानदेय भी बढ़ाया जाता रहा है।
बीएसए ऑफिस में सहायक लेखा अधिकारी के स्टैनो पर कार्यरत कर्मचारी के खिलाफ शिकायत हुई है। जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। जल्द ही जांच पूरी कर ली जाएगी— राकेश कुमार, संयुक्त शिक्षा निदेशक, बरेली
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