बदायूं: यूपी बोर्ड- हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करेंगे नवनियुक्त शिक्षक
70 वर्ष की आयु पूरी कर चुके शिक्षकों को परीक्षक बनाने पर लगाई रोक, माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से मूल्यांकन केंद्रों का मांगा प्रस्ताव

बदायूं,अमृत विचार: बोर्ड परीक्षा कराने के साथ-साथ माध्यमिक शिक्षा उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की भी तैयारी जारी है। इस बार बोर्ड की ओर से दो वर्ष आयु की सीमा को समाप्त कर दिया है। अब बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य नवनियुक्त शिक्षक भी कर सकेंगे। इस बार माध्यमिक स्कूलों में करीब सौ से अधिक शिक्षकों की नियुक्तियां हुई हैं।
वहीं दूसरी ओर बोर्ड की ओर से 70 वर्ष की आयु पूरी कर चुके शिक्षकों के परीक्षक बनाने पर रोक लगा दी है। जिले में प्रतिवर्ष करीब छह लाख से अधिक उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाता है। जिसमें जिले के दो हजार से अधिक शिक्षकों की परीक्षक और मुख्य परीक्षक के रूप में तैनाती की जाती है। जिला विद्यालय निरीक्षक जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि परीक्षकों की तैनाती बोर्ड की ओर से की जाती है।
सारी प्रक्रिया ऑनलाइन है। परीक्षकों के मानकों में परिवर्तन किया गया है। इससे नवनियुक्त शिक्षकों को एक मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस पर बोर्ड के निर्देश पर विभाग ने शहर के विद्यालयों में मूल्यांकन केंद्र के संबंध में प्रस्ताव मांगे हैं। इसके अलावा बोर्ड की ओर से 70 वर्ष की आयु पूरी कर चुके शिक्षकों को परीक्षक बनाने पर रोक लगा दी है। उन्होंने बताया कि मूल्यांकन के लिए कॉलेजों के नाम मांगे गए हैं। जो जल्द ही भेज दिये जाएंगे।
विदित रहे कि जिले में अब तक चार कॉलेजों को मूल्यांकन केंद्र बनाया जाता रहा है। इनमें राजकीय इंटर कॉलेज और राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में इंटरमीडिएट तथा श्रीकृष्णा इंटर कॉलेज और वैदिक रुकुम सिंह इंटर कॉलेज में हाईस्कूल की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन होता आया है। संभव है कि इस बार भी इन्हीं केंद्रों पर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कॉपियां जांची जाएंगी।
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