धर्मवीर प्रजापति ने जिला कारागार मथुरा का किया निरीक्षण

मथुरा, अमृत विचार। आज दिनांक 24 दिसंबर को कारागार राज्य मंत्री स्वत्रंत प्रभार धर्मवीर प्रजापति के द्वारा जिला कारागार मथुरा का निरीक्षण किया गया। कारागार के मुख्य द्वार पर उपस्थित जेल गार्ड द्वारा सलामी दी गयी। इस दौरान मंत्री द्वारा बन्दियों से संवाद करते हुए कहा गया कि आपसे से जो जाने अनजाने में अपराध हुआ है उसका पश्चाताप कीजिए तथा घटित अपराध को भूलकर आत्म चिन्तन करते हुये अपनी समस्त बुराईयों को कारागार के अन्दर छोड़कर तथा कुछ हुनर सीखकर कारागार से बाहर जाने को कहा गया।
मंत्री द्वारा कारागार में सबसे अधिक जनसंख्या युवा वर्ग की होने पर व्यथित होते हुये उनको अपने आचरण में सुधार करने हेतु निर्देशित करते हुये उनके द्वारा यह भी कहा गया कि जो अपने माता-पिता को दुःख देता है वह कभी संसार में सुखी नहीं रह सकता है। आपके कारागार के अन्दर आ जाने से सबसे अधिक दुखः माता-पिता व परिवारीजनों को ही होता है। अतः कारागार से बाहर निकल कर फिर से आपसे ऐसा कोई कार्य न हो जिससे पुनः कारागार में आना पड़े।
मंत्री के उद्बोधन को सुनकर कई बंदियों को उनके द्वारा किये गये अपराध का पश्चाताप होने लगा और जोर-जोर से विलाप करने लगे तथा उन बंदियों द्वारा मा० मंत्री जी के समक्ष भविष्य में पुनः अपराध न करने का संकल्प लिया गया।
मंत्री द्वारा कारागार में निरुद्ध ऐसे लगभग 200 बन्दी जिनकी मुलाकात नही आती है उन्हे कम्बल बांटे गये। इस अवसर पर उनके द्वारा बन्दियों को पाठ करने हेतु सुन्दर काण्ड एवं हनुमान चालीसा की पुस्तक भी बांटी गयी। एक बन्दी सागर पुत्र चन्द्रपाल जो केवल जुर्माने की सजा काट रहा था तथा अत्यन्त गरीब होने के कारण जुर्माना नहीं भर पा रहा था, उक्त बन्दी का रुपये 900 जुर्माना भरे जाने हेतु माननीय मंत्री जी द्वारा रूपये 2000 दिया गया जिसमें से उसका जुर्माना भरने के बाद शेष रूपये 1100 उसके किराये एवं रास्ते के खाने-पीने हेतु देकर कारागार से भविष्य में पुनः अपराध न करने का संकल्प दिलाते हुये मुक्त करा दिया गया।
मंत्री द्वारा कारागार की व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए कारागार की साफ-सफाई एवं व्यवस्था की सराहना की गयी। इस अवसर पर जेल अधीक्षक बृजेश कुमार, चिकित्साधिकारी डॉ. उपेन्द्र पाल सिंह सोलंकी, डॉ. उत्पल सरकार, कारापाल महाप्रकाश सिंह, उप कारापाल करुणेश कुमारी, शिवानी यादव, अनूप कुमार, फार्मासिस्ट सुभाष चन्द्र द्विवेदी व अन्य कारागार कार्मिक उपस्थित रहे।
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