मॉडल स्कूल के रूप में शिक्षकों ने अपने प्रयास से बदल दी सरकारी स्कूल की तस्वीर, देखकर हैरान रह गये एडी बेसिक
रविशंकर गुप्ता अमृत विचार लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक विद्यालय को सवांरने के लिए आपरेशन कायाकल्प के तहत अथक प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन कई विद्यालय ऐसे हैं कि उनकों शिक्षकों ने अपने प्रयास से सवारंने का कार्य किया है। बुधवार को मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक श्याम किशोर तिवारी ने एक ऐसे विद्यालय का दौरा किया जिसे शिक्षकों ने अपने अथक प्रयास से एक प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर विकसित कर दिया है। लखनऊ मंडल में आने वाले जनपद सीतापुर के ब्लाक रामपुर मथुरा के प्राथमिक विद्यालय विवेकपुर के शिक्षकों ने अपने प्रयास से विद्यालय को एक मॉडल स्कूल के रूप में विकसित कर दिया है।
यहां बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे एडीबेसिक श्याम किशोर तिवारी भी विद्यालय को देखकर हैरान रह गये। इस मौके पर एडीबेसिक ने कहा कि किसी भी विद्यालय की सूरत बदलने में शिक्षकों का अहम योगदान रहता है। यही कार्य विवेकपुर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों ने किया है। इस दौरान उन्होंने प्रधानाध्यापक ललिता यादव और शिक्षक मनोज कुमार यादव, अकिंत मिश्रा और सोमनाथ मिश्रा उनके अथक प्रयास की सराहना की। बता दें कि एडीबेसिक ने इससे पहले इस ब्लाक के पांच अन्य स्कूलों का भी निरीक्षण किया। वहां कंपोजिट विद्यालय भगौती पुर का भी निरीक्षण करने पहुंचे। यहां उन्होंने गोपनीय जांच की कुछ शिक्षको के पूछताछ के बाद अन्य स्कूलों की ओर बढ़ गये। इसके साथ ही सभी शिक्षकों को आनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के भी निर्देश दिए।
विद्यालय में मिल रही गुरुकुल जैसी शिक्षा
विद्यालय में एक क्लास को गुरुकुल की तरह से भी लगाया जाता है। बच्चों को ये बताने का प्रयास किया है कि पुराने जमाने में कैसे पढ़ाई होती थी। इस क्लास को चारो तरफ से हराभरा बनाया गया है। बच्चे को प्राकृतिक पर्यावरण के बीच शिक्षा देने की एक खास पहल की गई है।
अपने प्रयास से विद्यालय में कर दी हरित क्रांति
विद्यालय की प्रधानाध्यापक ललिता यादव ने अमृत विचार से बातचीत करते हुए कहा 2011 में जब उनकों ये विद्यालय दिया गया था उस समय यहां की स्थिति बेहद खराब थी। विद्यालय में जगह होने के बाद भी यहां खेल मैदान विकसित नहीं था। स्थिति ये थी कि बच्चे लंच के बाद अपने घर की ओर जाने का प्रयास करते थे। इस स्थिति को देखते हुए पूरे स्टाफ के सहयोग से विद्यालय के खेल मैदान को विकसित किया गया। यहां हरियाली को बढ़ावा दिया गया। अब बच्चे लंच में भोजन करके यहां खेलते हैं वह अपने घर नहीं जाते हैं।
अभिभावकों भी रहता है बहुत सहयोग, एडी ने किया सम्मानित
प्रधानाध्यापक ललिता यादव ने बताया कि मौजूदा समय में यहां 102 बच्चे पढ़ाई करते हैं और बच्चों की नियमित उपस्थिति 100 प्रतिशत तक रहती है। बच्चों को नियमित स्कूल भेजने में यहां के अभिभावकों का अहम योगदान रहता है। बुधवार को जब एडीबेसिक विद्यालय पहुंचे तो यहां मौजूद अभिभावकों को भी गिफ्ट देकर सम्मानित किया। इसके साथ ही अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि वह अपने बच्चों को नियमित स्कूल भेजेंगे तो वह उनका बच्चा भी एक दिन उनकी जगह पर बैठा मिलेगा।