बुजुर्ग ही नहीं युवाओं में भी बढ़ रहा डायबिटीज, ऐसे रखें खास ध्यान

सरकारी के साथ ही निजी डॉक्टरों के पास भी अधिक संख्या में पहुंच रहे मरीज

बुजुर्ग ही नहीं युवाओं में भी बढ़ रहा डायबिटीज, ऐसे रखें खास ध्यान

बरेली, अमृत विचार। बदलते परिवेश में मधुमेह बीमारी की चपेट में बुजुर्गों के साथ अब युवा भी आ रहे हैं। लापरवाही और जानकारी के अभाव में यह बीमारी जानलेवा साबित हो रही है। सरकारी के साथ ही निजी अस्पतालों में बड़ी संख्या मरीजों में मधुमेह के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। ओपीडी में आने वाले हर चौथे मरीज में मधुमेह के लक्षण सामने आ रहे हैं। इन मरीजों में हर वर्ग के मरीज शामिल हैं। अगर समय रहते इसका उपचार मिल जाए तो इसके गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।

माता-पिता हैं ग्रसित तो बच्चे रखें विशेष ध्यान
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अनुपम शर्मा के अनुसार माता-पिता के मधुमेह ग्रस्त होने पर संतान में इस रोग के बढ़ने की पूरी आशंका रहती है। फास्ट फूड का बढ़ता चलन और शारीरिक श्रम से दूरी भी बच्चों को मधुमेह की चपेट में ला रही है। टाइप वन डायबिटीज से जूझ रहे बच्चे शारीरिक रूप से काफी कमजोर हो जाते हैं। बीमारी से अंजान परिजन टीबी तक की दवा करवा डालते हैं, लेकिन सेहत में कोई सुधार नहीं होता है। मधुमेह के लक्षण होने पर फौरन डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

अंगों को पहुंचता है गंभीर नुकसान
वरिष्ठ फिजिशियन डाॅ. सुदीप सरन ने बताया कि डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। कई बार डायबिटीज के रोगी के पैर में छोटा अल्सर बन जाता है। इसमें पैर काटने की नौबत भी आ सकती है। इसमें शुरुआती लक्षण नहीं दिखते हैं। ब्लड प्रेशर बढ़ा होने के बाद भी कई बार लोग लापरवाही दिखाते हैं जो नुकसानदायक हो सकती है। इसकी वजह से गुर्दे फेल हो सकते हैं। अनियंत्रित डायबिटीज की वजह से हार्ट अटैक, दिमाग की नस फटना 5 से 10 फीसदी बढ़ सकता है।

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