कार्यों से जीता जनता का भरोसा, अभी बहुत कुछ करना बाकी: मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह

बोले- अधिकारी नहीं लोकसेवक के रूप में सबके बीच रहा, हर हाल में तोड़ेंगे अवैध खनन का सिडिंकेट

कार्यों से जीता जनता का भरोसा, अभी बहुत कुछ करना बाकी: मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह

मुरादाबाद, अमृत विचार। सरकार की योजनाओं को प्राथमिकता, पारदर्शिता व निष्पक्षता के साथ लागू कराना लोकसेवक की अहम जिम्मेदारी है। मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह जनता की समस्याएं और शिकायतें त्वरित गति से निस्तारित कराने की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। तेजतर्रार, कड़क छवि और कर्तव्य के प्रति समर्पित मंडलायुक्त से अमृत विचार समाचार पत्र के सिटी इंचार्ज विनोद श्रीवास्तव ने जन शिकायतों के निस्तारण की स्थिति, जनता की संतुष्टि, लोकसभा चुनाव की चुनौती और अन्य कई मुद्दों पर खास बातचीत की। जिनका उन्होंने खुलकर जवाब दिया। प्रस्तुत हैं मंडलायुक्त से बातचीत के मुख्य अंश...।

सवाल: संपूर्ण समाधान दिवस, थाना समाधान दिवस महज औपचारिकता बन रहे हैं। मामले अधिक लेकिन निस्तारण कम, अधिकारियों की चौखट पर भी जनता को निराशा मिल रही है, ऐसा क्यों?
जवाब: यह सही है कि आज भी संपूर्ण समाधान दिवस और थाना समाधान दिवस में जन शिकायतों के निस्तारण की स्थिति ठीक नहीं है। इसकी सार्थकता तभी है जब उसी दिन शाम तक हर हाल में समस्या का गुणवत्तापूर्ण समाधान हो जाए। मंडलीय समीक्षा बैठकों में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश हैं कि इन दिवसों में आई शिकायत का उसी दिन निस्तारण करें।

सवाल: अवैध खनन व परिवहन पर रोक लगाने के लिए आप सख्त हैं। बैठकों में निर्देश भी दे रहे हैं, फिर भी सिंडीकेट क्यों नहीं टूट रहा है?
जवाब: अवैध खनन व इसके परिवहन का सिंडीकेट तोड़ देंगे। इसके नेटवर्क से जुड़े लोगों की सूची मैंने डीआईजी को दी है। वैसे यह कार्य जिलास्तर के अधिकारियों का है लेकिन, ऐसा न होने से वह स्वयं दखल दे रहे हैं। मंडल में किसी भी कीमत पर अवैध खनन और इसके परिवहन और ओवरलोडिंग को चलने नहीं देंगे। लापरवाह व उदासीन अधिकारी नपेंगे।

सवाल: एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली आईजीआरएस में मंडल मुख्यालय व अन्य जिलों की स्थिति प्रदेश में बेहतर नहीं है, इसमें सुधार के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?
जवाब: जन शिकायतों के पोर्टल पर निस्तारण की स्थिति कतई संतोषजनक नहीं है। इसकी प्रमुख वजह सी संदर्भ है। इसका मतलब यह है कि अधिकांश शिकायतों के निस्तारण से मैं संतुष्ट नहीं हुआ, क्योंकि उसमें रस्म अदायगी थी। इसलिए उन्हें वापस कर दिया। जिससे आंकड़े में प्रगति पिछड़ी। लेकिन, अब इस रवैये में अधिकारी सुधार कर रहे हैं, इसका बेहतर परिणाम अब जल्द दिखेगा।

सवाल: मंडल में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। कहीं मानव संसाधन कम हैं तो कहीं चिकित्सक व कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से नहीं निभा रहे हैं। इसमें सुधार कैसे संभव है?
जवाब: स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार जरूरी है। डाक्टरों को अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से निभानी होगी। उनकी कोई छुट्टी नहीं है, मरीज की चिकित्सा सेवा और उसकी जान बचाना उसका फर्ज है। जो ऐसा न पाए वह अपनी ड्यूटी छोड़े और घर जाए। खासकर बच्चों और महिलाओं के इलाज पर विशेष ध्यान देना होगा। डेंगू संक्रमण गंभीर हो रहा है। लेकिन, ऐसा भी नहीं है कि बुखार के सभी मरीज डेंगू संक्रमित हैं। प्रारंभिक स्तर पर मरीजों को सही इलाज मिलना जरूरी है। अस्पताल में दवा की उपलब्धता सुनिश्चित कराना चिकित्साधिकारियों की जिम्मेदारी है।

सवाल: भूमि विवाद में पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारी एक दूसरे पर दोष मढ़कर पल्ला झाड़ लेते हैं। ऐसे विवाद कई बार गंभीर रूप धारण कर लेते हैं और अपराध की वजह बन जाते हैं, इसमें किस प्रकार सुधार संभव होगा ?
जवाब: यह सही है कि भूमि संबंधी विवाद के निस्तारण में ढिलाई है। कई एसडीएम और तहसीलदार खरे नहीं उतर रहे हैं। ऐसे कई एसडीएम व तहसीलदार चिह्नित किए गए हैं। उन पर गाज गिरेगी। एसडीएम व तहसीलदारों को भूमि विवाद की वजह पता कर निस्तारण के लिए कहा है। इसकी साप्ताहिक समीक्षा खुद करेंगे। भूमि विवाद में पैमाइश सही हो जाए तो समाधान में आसानी होगी।

सवाल: लोकसभा चुनाव में कुछ महीने रह गए हैं। इसे निष्पक्ष, शांतिपूर्ण कराने के लिए किस प्रकार कदम उठाने जा रहे हैं ?
जवाब: लोकसभा चुनाव निष्पक्ष हो इसके लिए जरूरी है कि मतदाता सूची निष्पक्ष बने। सूची के पुनरीक्षण में सभी अधिकारियों को इसका ख्याल रखना होगा। अन्य सभी कार्य सुनियोजित, योजनाबद्ध तरीके से कराएंगे। मंडल में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण, शुचितापूर्ण लोकसभा चुनाव सम्पन्न कराना प्राथमिकता है।

सवाल: पौने तीन साल का कार्यकाल आपने मंडलायुक्त के रूप में मुरादाबाद में पूरा किया है। कई महत्वपूर्ण कार्य और सुधार भी आपने किए। आपकी नजर में अपने कार्यकाल की बड़ी उपलब्धि क्या मानते हैं?
जवाब: मंडलायुक्त के रूप में सरकार की योजनाओं, परियोजनाओं को भ्रष्टाचार मुक्त, निष्पक्षता के साथ लागू कराने में हर पल तत्पर हूं। लेकिन, सबसे बड़ी उपलब्धि मैं मानता हूं कि मंडलायुक्त के पद पर रहते हुए जनता का भरोसा जीतना रहा। सरकारी योजनाओं का लाभ सबके लिए है, अधिकारी नहीं लोकसेवक के रूप में सबके बीच रहा। जो लोग उम्मीद लेकर मेरे पास आते हैं, उनके भरोसे और विश्वास पर खरा उतरूं यही सोच रही। यूं तो मुरादाबाद महानगर सहित अन्य शहरी निकायों में व्यवस्थित विकास कराया। स्मार्ट सिटी मिशन की परियोजनाओं को लागू कराया। शिक्षा व्यवस्था में सुधार खासकर प्राथमिक शिक्षा और कुपोषण से मुक्त मंडल बनाने की दिशा में कार्य जारी है। प्रदेश में सबसे पहले अमृत सरोवर मुरादाबाद में बना। अपने कार्य से और जनता का विश्वास जीतकर संतुष्ट हूं, लेकिन पूर्ण संतुष्ट नहीं। अभी जनता के लिए बहुत कुछ करना है।

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