स्वदेशी गो-संवर्धन योजना : आय वृद्धि व लोगों के आत्मनिर्भर बनने का जरिया होगी गाय
दुग्ध उत्पादन में प्रदेश बनेगा अग्रणी, योजना के अंतर्गत कम से कम देसी नस्ल की दो गाय खरीदनी जरूरी

मुरादाबाद, अमृत विचार। राज्य सरकार ने प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में अग्रणी बनाने और महिलाओं व युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए स्वदेशी गो संवर्धन योजना शुरू की है। इसका लाभ जिले के पशुपालक ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें विभिन्न देसी नस्ल की कम से कम दो गाय खरीदनी होंगी। पंजाब की साहीवाल, थारपारकर और संकर प्रजाति की गाय खरीदने वालों को अनुदान राशि मिलेगी। इसके अलावा इस योजना के तहत स्वदेशी गाय की खरीद पर होने वाले ट्रांसपोर्टेशन और बीमा का खर्च सरकार उठाएगी। इससे गोपालकों की आय में वृद्धि होगी और वे आत्मनिर्भर बनेंगे।
प्रदेश में गोपालकों की आय बढ़ाने, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और स्वदेशी नस्ल की गायों के प्रति उनका रुझान बढ़ाने के लिए सरकार ने नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत लाभार्थी को लगभग 80,000 रुपये की अनुदान राशि अधिकतम दो स्वदेशी नस्ल की गाय की खरीद पर प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार की ओर से किसानों को विभिन्न नस्ल की स्वदेशी गायों जैसे पंजाब से साहिवाल, राजस्थान से थारपारकर और गुजरात की गीर गाय आदि खरीदने पर सब्सिडी का लाभ मिलेगा। इसके अलावा किसानों को कई सुविधाएं मिलेंगी।ताकि स्वदेशी नस्ल की गायों के प्रति लोगों को प्रोत्साहित किया जा सके।
उधर, ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं और महिलाओं को पशुपालन के व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्हे रोजगार मिलेगा। योजना का लाभ उठाने के लिए गो पालक को दूसरे प्रदेश से स्वदेशी उन्नत नस्ल की गाय खरीदना अनिवार्य है। इसके लिए जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी की ओर से लाभार्थी को दूसरे प्रदेश से स्वदेशी नस्ल की गाय खरीदने के लिए एक अनुमति पत्र जारी किया जाएगा ताकि उसे गायों के परिवहन में किसी प्रकार की समस्या न हो। वहीं इन गायों का 3 वर्षों का पशु बीमा एकमुश्त कराया जाना आवश्यक है। इसके साथ ही उन्हे दूसरे प्रदेश से अपने प्रदेश में लाने के लिए ट्रांजिट बीमा भी कराना अनिवार्य है।
महिलाओं को योजना में मिलेगी वरीयता
मुरादाबाद। योजना के तहत लाभार्थी को सब्सिडी गाय की खरीद, उसके परिवहन, पशु ट्रांजिट बीमा, 3 वर्षों का पशु बीमा, चारा काटने की मशीन की खरीद एवं गायों के रखरखाव के लिए शेड के निर्माण पर दिया जाएगा। विभाग की ओर से इन सभी मदों में गौ पालक का खर्च दो स्वदेशी नस्ल की गायों के लिए दो लाख रुपये माना गया है, जिसका 40 प्रतिशत या अधिकतम 80 हजार रुपये सब्सिडी के रूप में दिए जाएंगे। इस योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी के पास गो पालन के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए। पहले से दो से अधिक स्वदेशी उन्नत नस्ल की गाय न हों। वहीं इस योजना के तहत 50 प्रतिशत महिला दुग्ध उत्पादकों एवं पशुपालकों को तरजीह दी जाएगी जबकि 50 प्रतिशत में अन्य वर्ग के लाभार्थी शामिल हैं।
अधिक दुग्ध उत्पादन पर मिलेगी प्रोत्साहन राशि
मुरादाबाद। प्रगतिशील पशुपालन प्रोत्साहन योजना के तहत पशुपालकों को दूसरे राज्यों से लाई जाने वाली विदेशी नस्ल की स्वदेशी गाय के दूध के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जैसे साहीवाल, गीर, थारपारकर गाय जो 8 से 12 लीटर दूध देगी, उसको पालने वाले किसान को 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। हरियाणा की गाय जो 6 से 10 लीटर दूध देगी, उसके पालक को 10 हजार रुपये व 10 लीटर से अधिक दूध देने पर 15 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। गंगातीरी प्रजाति जो 6 से 8 लीटर दूध देगी उसके पालन पर प्रदेश सरकार 10 हजार रुपये व 8 लीटर से अधिक दूध देने पर 15 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि लाभार्थी को दी जाएगी।
नंद बाबा मिशन के तहत स्वदेशी गौ संवर्धन योजना शुरू हुई है। दुग्ध उत्पादन बढ़ाने को सरकार ने दूसरे राज्य जैसे- पंजाब से साहिवाल, राजस्थान से थारपारकर गुजरात से गीर देसी नस्ल की गायों को खरीदने पर जोर दिया। पशुपालकों को विभिन्न मदों के लिए ट्रांसपोर्टेशन से संबंधित कुल व्यय का 40 फीसदी यानी अधिकतम 40 हजार रुपये प्रति गाय के लिए अनुदान दिया जाएगा। -पंकज सिंह, उप दुग्धशाला विकास अधिकारी
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