शाहजहांपुर: वायरल, डेंगू और बुखार से तपने लगा जिला...तब भागे अफसर, जानिए पूरा मामला

राजकीय मेडिकल कॉलेज और सीएचसी पर अव्यवस्थाएं हावी, मरीज परेशान

शाहजहांपुर: वायरल, डेंगू और बुखार से तपने लगा जिला...तब भागे अफसर, जानिए पूरा मामला

फोटो- राजकीय मेडिकल कॉलेज में मरीजों की भीड़।

शाहजहांपुर, अमृत विचार। जिले में बुखार का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजकीय मेडिकल कॉलेज समेत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर अव्यवस्थाएं हावी होने से मरीज परेशान हैं। डेंगू और बुखार से जब मौतें होने लगीं तो अफसरों ने अस्पतालों में व्यवस्थाएं देखने के लिए भागे।

बुधवार को एडी हेल्थ खुद शाहजहांपुर पहुंच गए और कई अस्पतालों का निरीक्षण किया। वहीं सीएमओ और एसीएमओ भी दौड़ पड़े। डीएम के निर्देश पर सभी एसडीएम ने सीएचसी का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखीं। उधर, कलान क्षेत्र में कैंप लगाकर दवाएं वितरित की गईं।

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जिले में पिछले करीब एक महीने से बुखार का प्रकोप जारी है। आलम यह है कि मिर्जापुर, कलान, जलालाबाद, तिलहर, बंडा, खुटार, कांट आदि क्षेत्रों में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। इधर, मेडिकल कॉलेज में बुखार के मरीज लगातार पहुंच रहे हैं।

हालत यह है कि जब तक दवा का असर रहता है, बुखार उतर  जाता है, लेकिन दवा का असर कम होते ही बुखार फिर से तेजी पकड़ लेता है। हालत है कि एक-एक घर में कई-कई लोग बीमार चल रहे हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण संसाधनों और दवाइयों की कमी पड़ने लगी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा है कि दवाइयों की कोई कमी नहीं है।

डेंगू से एक और की गई जान
क्षेत्र के गांव जठियापुर बुजुर्ग में एक युवक की डेंगू की चपेट में आने से मौत हो गई। इससे पहले तिलहर समेत कई इलाकों में बुखार और डेंगू से मौत हो चुकी हैं। पुवायां क्षेत्र के गांव जठियापुर बुजुर्ग निवासी 35 वर्षीय जितेंद्र कुमार को चार दिन पहले बुखार की शिकायत हुई।

परिवार के लोग उसे एक झोलाछाप के यहां लेकर गए, जहां से उसकी हालत और बिगड़ गई। इसके परिजनों ने उसे शहर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। हालत में सुधार नहीं होने पर परिजनों ने प्राइवेट में जांच कराई, जिसमें डेंगू की पुष्टि होने पर परिजन उसे बरेली ले गए।

जहां एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ और उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बुधवार को उसके शव का गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। मृतक के तीन बेटे और दो बेटियां हैं। जिनकी परवरिश की जिम्मेदारी पत्नी पर आ गई है।

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